Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

इस विधि से करें तुलसी विवाह, जीवन में आएगी सुख-शांति और खुशहाली

Tulsi Vivah

Tulsi Vivah

हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय माना जाता है। प्रभु श्रीहरि विष्णु को तुलसी अतिप्रिय है। विष्णुजी की पूजा-आराधना में तुलसी का पत्ता या तुलसी दल इस्तेमाल करना शुभ फलदायी माना गया है। हर साल कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाया जाता है। आज 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस दिन तुलसी माता का भव्य श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप से उनका विवाह (Tulsi Vivah) करवाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति और खुशहाली आती है। देवउठनी एकादशी के खास मौके पर आप बेहद आसान तरीके से घर पर तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) कर सकती हैं। आइए जानते हैं तुलसी विवाह की पूजन विधि…

कैसे करें तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) ?

– शाम के समय परिवार के सभी सदस्य तैयार होकर तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) का आयोजन करें।

– एक छोटी चौकी पर घर में बिल्कुल बीचोंबीच में तुलसी का पौधा स्थापित करें।

– इसके बाद मां तुलसी को स्नान करें। तुलसी के पत्तों को अच्छे से साफ कर लें और गमलों को भी साफ कर लें।

– पुराना चढ़ा हुआ फल, फूल समेत सभी चीजों को हटा दें।

– इसके बाद मां तुलसी का दुल्हन की तरह श्रृंगार करें।

– तुलसी की टहनियों पर लाल चूड़ी,मोगरे का गजरा,हार,बिंदी,बिछिया और सिंदूर समेत सभी चीजों को पहनाकर फूलों की माला पहनाएं।

– अब गन्ना और केले के पत्तों से सुंदर मंडप बनाएं। मंडप को फूलों, झालर और साड़ी से सजाएं। रंगोली बनाएं।

– अष्टदल कमल बनाकर एक छोटी चौकी पर शालिग्राम जी को स्थापित करें और उनका श्रृंगार करें।

– अब एक कलश स्थापित करें। शालिग्राम जी को तुलसी के दाईं ओर स्थापित करें।

-तुलसी जी और शालिग्राम भगवान को दूध में भीगी हल्दी लगाएं।

– गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप लगाएं और उसकी पूजा करें।

– शालिग्राम भगवान और माता तुलसी पर गंगाजल से छिड़काव करें।

– शालिग्राम भगवान को धोती अर्पित करें और तुलसी और भगवान विष्णुजी को धागे से बांधे।

– अब दूध और चंदन से शालिग्राम जी को तिलक लगाएं और माता तुलसी को रोली से तिलक करें।

– फल,फूल,धूप-दीप समेत पूजा की सभी सामग्री को तुलसी माता और शालिग्रामजी को अर्पित करें।

– इसके बाद पुरुष शालिग्रामजी को अपनी गोद में उठा लें और महिलाएं तुलसी माता को अपनी गोद में उठा लें। फिर तुलसी की 7 बार परिक्रमा करें।

– याद रखें कि तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) के लिए पति-पत्नी का साथ होना जरूरी है। मान्यताओं के अनुसार, कुंवारी कन्या या कुंवारे लड़के तुलसी विवाह नहीं करा सकते हैं।

– अगर विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक जानते हैं, तो अवश्य करें। तुलसी विवाह के बधाई गीत गाएं।

– अंत में पूजा के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमायाचना मांगे और पंचामृत में तुलसी का पत्ता डालकर, खीर और पूड़ी का भोग लगाएं।

– विष्णुजी और माता तुलसी का कपूर से आरती उतारें। परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें।

Exit mobile version