दिवाली से एक दिन पहले आज छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन ही हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। पहली हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा को, जबकि दूसरी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। मान्यता है कि आज हनुमान जी की विशेष अराधना करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं। इस दिन कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए।
जरूर करें ये काम
छोटी दिवाली के दिन पूरे शरीर पर तिल का तेल लगाकर स्नान करने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन तिल के तेल से मालिश करने बाद स्नान करने वालों को शुभ फल मिलते हैं। इस दिन हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें और धूप, दीप, नवैद्य, दीप जलाकर उनकी पूजा करें। हनुमान जी को गुलाब की माला चढ़ाएं और सिन्दूर लगाएं उसके बाद उनकी आरती करें।
इन बातों का रखें खास ख्याल
1) हनुमान जी की पूजा में सिंदूर का इस्तेमाल जरूर करें। ऐसा करने से इंसान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन बरगद के पेड़ के पत्ते से हनुमान जी की पूजा करने वालों के आर्थिक संकट दूर होते हैं। इसके लिए बरगद के पेड़ के पत्ते को गंगाजल से धोकर हनुमानजी को अर्पित करें।
2) हनुमान जी की पूजा में उनको पान का बीड़ा जरूर चढ़ाएं। कहा जाता है कि इससे हनुमान जी की विशेष कृपा होती है और तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं। इसके अलावा हनुमान जी की पूजा में केवड़े का इत्र और गुलाब की माला भी शामिल करें।
3) हनुमान जयंती के दिन लाल रंग के वस्त्र पहन कर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं। हनुमान जी को बूंदी के लड्डू या प्रसाद अवश्य चढ़ाएं।
4) आज के दिन पीपल के 11 पत्तों पर लाल चंदन से श्री राम लिखें और इन पत्तों को मंदिर में जाकर हनुमानजी को चढ़ा दें। मान्यता है कि ऐसा करने वाले लोगों को धन का लाभ होता है।
ये गलतियां करने से बचें
1) हनुमान जी की पूजा काले या सफेद रंग के कपड़े पहनाकर बिल्कुल न करें। ऐसा करने पर आपकी पूजा पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है।
2) हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्त को मंगलवार या हनुमान जयंती के व्रत वाले दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दान में दी गई वस्तु, विशेष रूप से मिठाई का स्वयं सेवन न करें।
नरक चतुर्दशी पर तिल के तेल के साथ जरूर जलाएं आटे का चौमुखा दीपक
3) बजरंग बली काफी शांतप्रिय देवता माने जाते हैं, इसलिए उनकी साधना बड़े ही शांत मन से करनी चाहिए। यदि आपका मन अशांत है या फिर आपको किसी बात पर क्रोध आ रहा है, तो ऐसे में हनुमान जी की पूजा न करें।
4) बहुत कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि हनुमान जी की पूजा में कभी भी चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता है। मांस-मदिरा का सेवन करने के बाद भी न तो हनुमान मंदिर जाएं और न ही उनकी पूजा करें।
5) हनुमानजी की पूजा करते समय ब्रह्राचर्य व्रत का पालन करना आवश्यक होता है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी होने की वजह से स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते थे। ऐसे में पूजा के दौरान स्त्रियों को हनुमान जी को स्पर्श नहीं करना चाहिए।