उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आपरेशन ‘शक्ति’ के जरिए बहन, बेटियों के साथ नाम व पहचान छिपाकर परेशान करने वालों के खिलाफ प्रभावी कानून बना कर लव जिहाद को सख्ती से रोकने के संकल्प को संत-महात्माओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है तथा इस संवेदनशील मुद्दे पर कानून बनाने की मांग जोर पकडऩे लगी है।
रविवार को मुरादाबाद प्रवास पर काली सिद्धि पीठ के महामंडेलश्वर स्वामी नंद ब्रह्मचारी ने लव-जेहाद पर कानून बनाने की मांग करते हुए कहा है की हरियाणा के बल्लभगढ़ में हुई निकिता तोमर को जिस प्रकार से मारा गया है वो घोर अपराध है। कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो उसे छोड़ना नही चाहिए। ऐसे लोगों के लिये फांसी की सजा भी कम है।
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उन्होंने कहा कि सरकार को आम जनमानस की रक्षा के लिए एक कानून लाना चाहिये । अपने-अपने राज्यो में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के हर राज्य को एक सन्देश भेजना चाहिए कि हर प्रदेश जनमानस के लिए एक कानून बनाये।
जिस तरह से निकिता को मारा गया, मुझे लगता है कि इससे बड़ा जघन्य अपराध नही हो सकता है । स्वामी ने कहा कि मैने टीवी पर देखा आरोपी बहुत रसूखदार परिवार से बताया गया है लेकिन फांसी भी उसके लिए कम है। उसे ऐसी सजा होनी चाहिए, जिससे कि कोई दुबारा ऐसी घटना करने का दुस्साहस न कर सके।
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महाराष्ट्र के पालघर में हुई साधुओ की निर्ममतापूर्वक हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दिल दहलाने वाली घटना के दौरान जिस एसएचओ की ड्यूटी थी, उसकी थोड़े दिन पहले ही दर्दनाक मौत हो गई है। उसकी गाड़ी में अचानक आग लगी और वह जलकर राख हो गया। जिसका बिल्कुल सीधा प्रमाण है कि जिसका कोई नही है उसके भगवान हैं। वो पालघर में हुई साधुओ की हत्या की निंदा करते है। दोबारा ऐसी घटना देश मे कही नही होनी चाहिए।
मीडिया जनसंवाद का बेहतर जरिया है, चिकित्सक भगवान का रूप माना जाता है, तो साधु-संत देश के मार्ग दर्शक भगवान के मेसेंजर होते हैं। इसलिए निहत्थे साधु संतों की रक्षा होनी चाहिए उनका सम्मान होना चाहिए।