नई दिल्ली: दिल्ली में कुत्तो के काटने के मामले सामने आ रहे है। रोज 120 कुत्तो के काटने के मामले सामने आते है। यह आंकड़े दिल्ली के नगर निगम के है। दिल्ली के दक्षिण, पूर्वी और उत्तरी में डेढ़ लाख लोगों का इलाज निजी क्लीनिक और अस्पतालों में किया गया है।
उत्तरी दिल्ली में नगर निगम के स्वास्थ्य केंद्रों में 2017 से 2020 के दौरान 64 हजार 836 से ज्यादा कुत्तों के काटने के मामले सामने आए है। वहीं महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में 349 रेबीज के मामलों का इलाज किया गया है।
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दिल्ली के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया, “इलाज के लिए आने वाले बहुत सारे मामले गरीब परिवारों से संबंधित होते हैं। ये संक्रमण के बहुत देर बाद के चरण में आते हैं। अगर लंबे समय तक मामले में लापरवाही बरती गई तो बीमारी जानलेवा हो सकती है।”
WHO का मानना है कि भारत में हर साल रेबीज से होनेवाली मौत की 36 फीसद घटना सामने आती है। ज्यादातर मामले बच्चों के होते हैं जो संक्रमित कुत्तों के संपर्क में आने के कारण बीमार पड़ जाते हैं।
दक्षिण दिल्ली निगम के अधिकारी बताते हैं कि दक्षिण दिल्ली निगम के स्वास्थ्य केंद्रों में 2018 के दौरान 14 हजार कुत्तों के काटने के मामले दर्ज किए गए है। 2019 में 11 हजार 760 और 2020 से अब तक 4 हजार 28 मामले उजागर हुए।
पूर्वी दिल्ली के क्लीनिक और महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में पिछले तीन साल के दौरान 55 हजार 398 कुत्तों के काटने की रिपोर्ट दर्ज की गई। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एंटी रेबीज की दवाइयों की गैर मौजूदगी के कारण ज्यादातर लोगों को पिछले साल निजी क्लीनिक जाने का सुझाव दिया गया।