समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर भगवान धनवंतरि हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे। तभी से इस दिन को धनतेरस ( Dhanteras) के रूप में मनाया जाता है। चूंकि भगवान धनवंतरि हाथ में पात्र लेकर प्रकट हुए इसीलिए इस दिन विशेष तौर पर बर्तन खरीदने की परंपरा है।
वहीं बर्तनों के अलावा इस दिन सोने-चांदी के आभूषण, सिक्के व दीवाली की खरीददारी भी जमकर की जाती है। कहते हैं धनतेरस के दिन कुछ ना कुछ खरीदकर घर में अवश्य रूप से लाना चाहिए इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन सिर्फ खरीददारी ही नहीं बल्कि दान का भी विशेष महत्व होता है। यानि कुछ विशेष चीज़ों का दान इस दिन किया जाए तो इससे भगवान धनवंतरि व देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है।
तो आइए बताते हैं कौन सी हैं वो चीज़ें
वस्त्र दान
कहते हैं वस्त्र दान भी महादान माना जाता है। इसीलिए धनतेरस ( Dhanteras) पर वस्त्रों का दान ज़रुर करना चाहिए। खासतौर से जिसे ज़रुरत हो उन्हें वस्त्रों का दान दें। कहते हैं ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है, मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर जीवन में आर्थिक संपन्नता लाती है।
अन्नदान
धनतेरस पर्व के दिन अन्नदान का भी खासा महत्व है। खासतौर से खीर व पूरी। कहते हैं महालक्ष्मी की पूजा में खीर को मुख्य रूप से शामिल किया जाता है। घर पर बुलाकर या मंदिर में जाकर अन्नदान किया जा सकता है। साथ ही दान दक्षिणा भी अवश्य रूप से देनी चाहिए। कहते हैं इस दान से देवी लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद देती हैं।
नारियल व मिठाई का दान
नारियल को अत्यंत शुभ माना जाता है इसलिए हर पूजा में भी नारियल अवश्य रूप से शामिल किया जाता है। इसीलिए धनतेरस के दिन नारियल अवश्य रूप से दान में देना चाहिए। इसके अलावा मिठाई भी दान में देनी चाहिए। ऐसा करने से जीवन में शुभता आती है।
धनतेरस के दिन लोहा खरीदने की मनाही होती है। कहते हैं इस दिन भूलकर भी लोहा या लोहे से बनी चीज़ें नहीं खरीदनी चाहिए, लेकिन इस दिन लोहा या लोहे से बने बर्तन व वस्तु दान में देना अति उत्तम माना गया है। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कहते हैं इससे दुर्भाग्य का नाश होता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।