हिंदू धर्म में जितिया व्रत (Jitiya Vrat) को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत माताओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन सभी माताएं अपनी संतान के लिए व्रत करने क साथ ही पाठ भी करती हैं। माताएं अपनी संतान की रक्षा और कुशलता के लिए व्रत रखती हैं और भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन दान करने से संतान के जीवन के दुख दूर हो जाते हैं।
जितिया व्रत (Jitiya Vrat) तिथि और मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, जितिया का व्रत (Jitiya Vrat) हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल अष्टमी तिथि की शुरुआत मंगलवार 24 सितम्बर 2024 को 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी और अष्टमी तिथि समापन बुधवार 25 सितंबर 2024 दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत 25 सितंबर बुधवार को रखा जाएगा। 25 सितंबर 2024 को जितिया व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक है और सोमवार 24 सितंबर 2024 को जितिया व्रत (Jitiya Vrat) के नहाय-खाय की पूजा होगी।
चावल का दान
चावल यानी अक्षत को सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए गरीबों और जरूरतमंदों को चावल का दान करने से संतान के जीवन में धन, वैभव की कमी नहीं होती है।
खिलौनों का दान
जितिया व्रत के दिन संतान के नाम से खिलौने खरीदकर गरीब बच्चों को दान किया जाए तो इससे संतान को दोगुना पुण्य प्राप्त होता है और संतान के जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
मिठाई का दान
इस दिन गाय के घी से बनी मिठाई का करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती है। इसके अलावा पूर्व जन्म के काल सर्प दोष से भी छुटकारा मिलता है।
फलों को दान
जितिया व्रत (Jitiya Vrat) के दिन मौसमी फलों का दान करना भी अच्छा होता है। इससे घर परिवार में खुशहाली आती है और समाज में भी सम्मान बढ़ता है।
गौ का करें दान
जितिया व्रत में गौ माता की पूजा की जाती है। दिन गौ का दान करना भी शुभ सिद्ध हो सकता है। जितिया व्रत के दिन संतान के नाम से गौ दान करने देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही संतान का भाग्य और उसका जीवन चमक उठता है।