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वरुथिनी एकादशी पर इन चीजों का करें दान, वैवाहिक जीवन में बना रहेगा प्रेम

Varuthini Ekadashi

Varuthini Ekadashi

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। जो कि वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को हर साल मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें जगत का पालनहार माना जाता है। इस दिन उनकी आराधना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है, चाहे वे इस जन्म के हों या पिछले जन्मों के। इस व्रत को करने से जीवन में सौभाग्य, धन और समृद्धि आती है। यह दुख और दुर्भाग्य को दूर करने वाला माना जाता है।

कुछ धार्मिक ग्रंथों में यह भी कहा गया है कि वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का व्रत अंततः मोक्ष की ओर ले जाता है, जिससे आत्मा जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाती है। यह व्रत जीवन में आने वाली सभी प्रकार की कठिनाइयों, दुखों और परेशानियों से छुटकारा दिलाने में सहायक माना जाता है। वरुथिनी एकादशी के दिन दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस दिन किए गए दान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 अप्रैल दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 24 अप्रैल दिन गुरुवार को दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, वरुथिनी एकादशी 24 अप्रैल दिन गुरुवार को ही मनाई जाएगी। इसके अलावा व्रत का पारण 25 अप्रैल दिन शुक्रवार को सुबह 05 बजकर 46 मिनट से 08 बजकर 23 मिनट तक किया जाएगा।

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) पर इन चीजों का करें दान

केला: भगवान विष्णु को केला अत्यंत प्रिय है। वरुथिनी एकादशी के दिन गरीब और जरूरतमंदों को केला दान करना शुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और प्रेम बढ़ता है।

मौसमी फल: अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार अन्य मौसमी फलों का दान करना भी कल्याणकारी होता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और रिश्तों में मधुरता बनी रहती है।

धन: वरुथिनी एकादशी के दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार धन का दान करना भी शुभ माना जाता है। इससे आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है। दान करने से पहले भगवान विष्णु के सामने धन अर्पित करें।

पीले वस्त्र: भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है। इस दिन पीले वस्त्रों का दान करना, विशेष रूप से विवाहित जोड़ों को, वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाता है और आपसी समझ बढ़ाता है।

अन्न: वरुथिनी एकादशी पर अन्न का दान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे न केवल दान करने वाले को पुण्य मिलता है, बल्कि यह पितरों को भी तृप्त करता है, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

मिट्टी का घड़ा भरकर जल: गर्मी के मौसम में पानी से भरा मिट्टी का घड़ा दान करना बहुत पुण्य का कार्य है। इससे न केवल राहगीरों को राहत मिलती है, बल्कि यह आपके वैवाहिक जीवन में शीतलता और प्रेम बनाए रखने में भी सहायक होता है।

तिल: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु से हुई है। एकादशी के दिन काले तिल का दान या उसे जल में प्रवाहित करना भगवान विष्णु और शनिदेव दोनों को प्रसन्न करता है, जिससे वैवाहिक जीवन की परेशानियां कम होती हैं।

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का महत्व

हिन्दू धर्म में वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) एक महत्वपूर्ण और फलदायी व्रत है जो भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा, पापों से मुक्ति और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करता है। इसके साथ ही इस व्रत के करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी कष्ट दूर होते हैं।

इसके अलावा यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दान करते समय श्रद्धा और भक्ति का भाव होना चाहिए। अपनी क्षमता के अनुसार दान करें और जरूरतमंदों की सहायता करें। वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत और भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा भी वैवाहिक जीवन की बाधाओं को दूर करने में सहायक होती है।

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