भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए, हर वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर लोग व्रत-उपवास, पूजा-अर्चना और भोग-आरती करते हैं. कान्हा के जन्म (Birth) होने के समय रात 12 बजे तक लोग खुशियां मनाते हैं और भगवान को खुश करने के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं. कहीं भजन-कीर्तन होता है तो कहीं मंदिर और घरों को सजाया जाता है. लेकिन अनजाने में वो कुछ ऐसे काम भी कर जाते हैं जो कान्हा को खुश करने की जगह नाराज़ कर सकते हैं. अब वो काम कौन से हैं जिनको जन्माष्टमी के दिन नहीं करना चाहिए, आइये यहां जानते हैं.
तुलसी की पत्ती नहीं तोड़ना चाहिए
जन्माष्टमी के दिन भगवान के चरणों में अर्पित करने के लिए और प्रसाद में इस्तेमाल करने के लिए बहुत लोग तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल करते हैं. जिसके लिए वो जन्माष्टमी के दिन तुलसी की पत्तियां तोड़ते हैं. लेकिन ऐसा करने से लड्डू गोपाल नाराज़ हो सकते हैं. क्योंकि श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु का अवतार हैं और विष्णु जी को तुलसी बहुत पसंद है. इसलिए जन्माष्टमी के दिन तुलसी की पत्ती नहीं तोड़ना चाहिए.
चावल नहीं खाना चाहिए
जन्माष्टमी के दिन वैसे तो ज्यादातर लोग व्रत रखते हैं. लेकिन जो व्रत नहीं भी रखते हैं उनको जन्माष्टमी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए. क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में एकादशी और जन्माष्टमी के दिन चावल या जौ से बने भोज्य पदार्थ खाना वर्जित माना जाता है. इसलिए जन्माष्टमी के दिन चावल खाने से बचना चाहिए.
तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए
जन्माष्टमी के दिन लहसुन प्याज़ का सेवन नहीं करना चाहिए और अन्य तामसिक भोजन भी नहीं करना चाहिए. साथ ही मांस-मदिरा का सेवन भी इस दिन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से कान्हा नाराज़ हो सकते हैं.
किसी का अनादर न करें
भगवान श्री कृष्ण के लिए अमीर और गरीब सारे भक्त एक समान ही हैं. इसलिए इस दिन किसी भी व्यक्ति का अनादर नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान नाराज़ हो सकते हैं. साथ ही आपको आपकी पूजा और व्रत का फल भी नहीं मिलता है.
पेड़ों को नहीं काटना चाहिए
जन्माष्टमी के दिन पेड़ों को काटना अशुभ माना जाता है. कहा जाता है कि श्रीकृष्ण हर एक चीज में बसते हैं और हर एक चीज उनमें बसती है. मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने से भगवान खुश होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है.
ब्रह्मचर्य का पालन ज़रूरी
जन्माष्टमी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन न करने से भगवान श्रीकृष्ण नाराज़ हो सकते हैं. इसलिए जन्माष्टमी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन ज़रूर करना चाहिए और पूजा-अर्चना और भक्ति में ध्यान लगाना चाहिए. इससे कान्हा खुश होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं.
गाय का न करें अपमान
गाय का अपमान तो आपको वैसे भी कभी नहीं करना चाहिए लेकिन जन्माष्टमी के दिन इस बात का विशेष ख्याल रखने की ज़रूरत है. श्रीकृष्ण को गायों से बहुत प्यार था और वो अपना काफी समय उनके बीच बिताते थे. कहा जाता है कि जो गाय की सेवा करता है उसको कान्हा का आशीर्वाद सीधे तौर पर प्राप्त होता है.