गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) , मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का पवित्र दिन, हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से दस प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। हालांकि, इस पवित्र दिन पर कुछ ऐसी गलतियां हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए, वर्ना भारी नुकसान हो सकता है।
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) कब है?
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 4 जून को देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 6 जून को रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस बार गंगा दशहरा का पर्व 5 जून को मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) पर भूल से भी न करें ये काम
गंगा में गंदगी करना
मां गंगा को पवित्र और जीवनदायिनी माना जाता है। इस दिन गंगा में साबुन, शैम्पू या अन्य रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करना, या फिर कूड़ा-कचरा डालना घोर पाप माना जाता है। ऐसा करने से न केवल गंगा मां का अपमान होता है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है।
अपशब्दों का प्रयोग
गंगा दशहरा के दिन पवित्रता और शांति का वातावरण बनाए रखना चाहिए। इस दिन किसी से भी कटु वचन बोलना या झगड़ा करना अशुभ माना जाता है। वाणी में मधुरता और व्यवहार में शालीनता बनाए रखें।
तामसिक भोजन
इस पवित्र दिन पर तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा आदि का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। सात्विक भोजन ग्रहण करना और मन को शुद्ध रखना महत्वपूर्ण है।
दान में अनुचित वस्तुएं
गंगा दशहरा पर दान का विशेष महत्व है, लेकिन दान में दी जाने वाली वस्तुओं का भी ध्यान रखना चाहिए। कभी भी खंडित, पुरानी या नकारात्मक ऊर्जा वाली चीजें दान में नहीं देनी चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन काले रंग के वस्त्र दान करने से भी बचना चाहिए।
स्नान में लापरवाही
यदि आप गंगा स्नान के लिए जा रहे हैं, तो इस दौरान भी कुछ बातों का ध्यान रखें। गंगा में खड़े होकर शरीर पर साबुन मलना या वस्त्र धोना उचित नहीं माना जाता है।
यदि आप भी इस गंगा दशहरा पर गंगा स्नान या दान-पुण्य करने की सोच रहे हैं, तो इन भूलों से अवश्य बचें। आपकी एक छोटी सी गलती भी आपके लिए नकारात्मक परिणाम ला सकती है।