नई दिल्ली। दिल्ली पर केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलने का समय मांगा था। हालांकि, दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेता केजरीवाल का समर्थन करने के पक्ष में नहीं हैं। दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सुझाव दिया है कि कांग्रेस आलाकमान को केंद्र के अध्यादेश पर केजरीवाल का समर्थन नहीं करना चाहिए। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी कहा कि जहां वैचारिक मतभेद होते हैं, वहां गठबंधन नहीं होता।
दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। इसमें निर्वाचित सरकार को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिया गया था। इसके बाद केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण’ बनाने का अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश को कानूनी अमलाजामा पहनाने के लिए छह महीने में संसद से पास कराना जरूरी है। हालांकि, छह महीने के भीतर संसद से पास नहीं होता है तो ये अध्यादेश स्वत: समाप्त हो जाएगा। ऐसे में केजरीवाल इस मुद्दे पर देशभर की विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मिलकर समर्थन मांग रहे हैं।
दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने राहुल (Rahul Gandhi) को संदेश भेजा है कि केजरीवाल पर भरोसा नहीं करना चाहिए और उनके साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं दिल्ली कांग्रेस ने अध्यादेश पर सुझाव दिया गया कि या तो पार्टी को चुप रहना चाहिए या केजरीवाल का समर्थन नहीं करना चाहिए।
पति न हो तो बहू को ससुराल में रहने के लिए बाध्य नहीं कर सकता ससुर: लखनऊ पीठ
पंजाब कांग्रेस ने भी पार्टी आलाकमान को अध्यादेश पर केजरीवाल का समर्थन न करने के लिए कहा है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा के नेतृत्व में नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और उन्हें स्थिति के बारे में बताया। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि राज्य में आप सरकार द्वारा पार्टी के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है। पंजाब में कुछ कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई के खिलाफ जांच जारी है।