लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार रात वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिये।
श्री योगी ने कहा कि जिलाधिकारी और सीएमओ अपने-अपने जिलों में सर्विलांस, काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, डोर-टू-डोर सर्वे के साथ-साथ टेस्टिंग की संख्या बढ़ायें। कोरोना की रोकथाम में यह सभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होने कहा कि पिछले पांच माह से सरकार कोरोना से निपटने के लिए रणनीति बनाकर कार्य कर रही है। इसके अच्छे परिणाम भी मिले हैं, लेकिन अभी कोविड-19 से निपटने के लिए हमें मजबूती से और प्रयास करने होंगे।
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उन्होंने कहा कि सभी जिलाें में कोविड-19 से निपटने के लिए स्थापित किए गए इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। इस सेण्टर से होम आइसोलेटेड कोविड मरीज से दिन में दो बार उसकी स्थिति की जानकारी ली जाए। सभी जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी कण्ट्रोल सेण्टर के सम्बन्ध में दिन में दो बार बैठक कर स्थिति की समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्विलांस और डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से हम कोविड संक्रमितों का पता लगाकर स्थिति नियंत्रण में कर सकते हैं। इससे मृत्यु दर में भी कमी आएगी। संक्रमित व्यक्ति का पता लगते ही उसे उसकी स्थिति के अनुसार होम आइसोलेशन अथवा एल-1, एल-2, एल-3 अस्पताल भेजा जा सकता है। सभी कोविड अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि मरीज को सही इलाज मिल सके और वह शीघ्र ठीक हो सके। कोविड अस्पतालों में मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाए।
उन्होने कहा कि कंटेन्मेंट जोन में इतनी टीमों को लगाया जाए, जो चार-पांच दिन के अंदर पूरे सर्किल को कवर कर सकें। डोर-टू-डोर सर्वे के बाद संदिग्ध मामलों में शीघ्रता के साथ रैपिड एंटीजन टेस्ट या आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जाए। कोविड पाॅजिटिव मरीज की प्रभावी ढंग से काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाए। एसिम्प्टोमैटिक मरीजों की स्थिति को देखते हुए उन्हें होम आइसोलेशन अथवा एल-1, एल-2, एल-3 अस्पतालों में रखा जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि एल-1, एल-2 और एल-3 अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे आक्सीजन की उपलब्धता, वेण्टीलेटर, आवश्यक दवाएं इत्यादि की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित की जाए। डाॅक्टर और नर्स लगातार राउण्ड पर रहकर मरीज पर निगाह रखें। साथ ही, उनके स्वास्थ्य के सम्बन्ध में मरीजों के परिजनों को नियमित रूप से सूचित करें। सभी जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति के अनुसार त्वरित गति से मरीजों के हित में निर्णय लिए जाएं।
उन्होने कहा कि सभी जिलों में हर स्तर पर प्रभावी संवाद स्थापित किया जाए। हर जिले के कोविड अस्पतालों के लिए आवश्यक मैनपावर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने निगरानी समितियों को पुनर्जीवित करने के निर्देश देते हुए कहा कि आईसीसीसी को और प्रभावी बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कानपुर,लखनऊ,प्रयागराज,वाराणसी,गोरखपुर,बलिया,बस्ती,बरेली तथा झांसी के जिलाधिकारियों से उनके जिलों में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम और उपचार के संबंध में किए जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इन सभी जिलाधिकारियों को काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, डोर-टू-डोर सर्वे तथा टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने इन जिलों के एल-1, एल-2, एल-3 अस्पतालों में आवश्यकतानुसार बेड्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही, आवश्यकतानुसार आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
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श्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता को कोविड-19 संक्रमण से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमितों को त्वरित गति से उपचार उपलब्ध कराते हुए उनके जीवन की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।