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स्वास्थ्य देखभाल के समाधान में उपयोगी साबित होगा स्वास्थ्य चिंतन शिविर : मनसुख मांडविया

Mansukh Mandaviya

Mansukh Mandaviya

देहरादून। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को देहरादून स्थित होटल हयात में सेंट्रल काउंसिल ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (सीसीएचएफडब्ल्यू) के 15वें वार्षिक सम्मेलन दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) , सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और प्रो. एसपी सिंह बघेल तथा नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल भी उपस्थित थे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा कि स्वास्थ्य चिंतन शिविर, एक राष्ट्रीय बैठक है, जो लाभार्थी कल्याण के लिए योजनाओं को डिजाइन करने के उद्देश्य से अपनी नीतियों को समृद्ध बनाने के लिए विभिन्न राज्यों से अंतर्दृष्टि, श्रेष्ठ व्यवहारों, मूल्यवान अनुभवों और सुझावों को साझा करने में सक्षम बनाती है। यह चिंतन शिविर हमें स्वास्थ्य क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर गहराई से विचार करने का अवसर प्रदान कर सकता है। यह शिविर ऐसे परिणाम देगा, जो राष्ट्र को स्वास्थ्य देखभाल के समाधान में उपयोगी साबित होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Mansukh Mandaviya) ने कहा कि इस अमृतकाल में, आइए हम अपने ज्ञान से प्रेरणा लें और अपना स्वयं का स्वास्थ्य मॉडल विकसित करें। हमें विभिन्न राज्यों से कुष्ठ, टीबी, सिकल सेल एनीमिया आदि बीमारियों का बोझ हटाने और राज्यों को पीएम-जेएवाई कार्ड से संतृप्त करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने प्रतिभागियों को अपने विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि स्वास्थ्य चिंतन शिविर से सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त किए जा सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय कार्यक्रम ऐसे परिणाम देगा जो राष्ट्र को स्वास्थ्य देखभाल एवं समाधान प्रदान करने में काफी मदद करेगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी (CM Dhami) ने सभी का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि चिंतन शिविर से विचार-विमर्श से सरकार की स्वास्थ्य नीतियों के त्वरित क्रियान्वयन पर निश्चित ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में उन्होंने अटल आयुष्मान योजना की सराहना की, जो देश के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि ई-संजीवनी ने प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ाने में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य ढांचे की भूमिका के बारे में बात की और कहा कि यह ढांचा हमें साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमारे सहयोगात्मक प्रयास में आगे बढ़ने में मार्गदर्शन करता है।

उद्घाटन समारोह में सर्वोत्तम प्रथाओं का सार-संग्रह, आयुष्मान भारत, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र-क्षेत्र से सफलता की कहानियां, अनुसंधान से कार्रवाई-अंतर्दृष्टि और नीति निहितार्थ और भूकंप के बाद घायल व्यक्तियों के चिकित्सा पुनर्वास के लिए सिफारिशें सहित विभिन्न पुस्तकें जारी की गईं।

कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री में उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत, रजनी विदाला (आंध्र प्रदेश), अलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश), केशव महंत (असम), रुशिकेश पटेल (गुजरात), बन्ना गुप्ता (झारखंड), दिनेश गुंडू राय (कर्नाटक), सपमरंजन सिंह (मणिपुर), डॉ. आर. लालथ्यांगलियाना (मिजोरम), थिरु मा. सुब्रमण्यम (तमिलनाडु) भाग ले रहे हैं। वहीं टीएस सिंह देव (उपमुख्यमंत्री, और स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़), ब्रजेश पाठक (उपमुख्यमंत्री, और स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश), बीएस पंत (पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री, सिक्किम), विश्वास सारंग (राज्य) चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मध्य प्रदेश), के लक्ष्मी नारायणन (लोक निर्माण मंत्री, पुडुचेरी) भी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

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