बीते साल जून में एलएसी पर शुरू हुआ भारत और चीन का विवाद आज भी नहीं थमा है। बार-बार अपनी ही बात से मुकर जाने वाले चीन ने फिर वही रवैया दिखाया है।
दरअसल ड्रैगन ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग के संघर्ष वाले क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटाने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं बल्कि चीन ने तेवर दिखाते हुए यह तक कह डाला है कि ‘भारत को जो कुछ हासिल हुआ है, उसे उससे खुश होना चाहिए’।
पिछले हफ्ते दोनों देशों के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता 13 घंटे तक चली जिसमें चीन ने इन इलाकों से पीछे हटने पर मना कर दिया है। चीन के साथ विवाद सुलझाने में शामिल रहे एक उच्च सूत्र ने बताया है कि चीन ने पहले हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा के पैट्रोलिंग पॉइंट 15 और पैट्रोलिंग पॉइंट-17ए से सेना पीछे हटाने पर सहमति जताई थी।
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री ने कोरोना के इलाज के लिए दिये एक करोड़ की धनराशि
लेकिन बाद में उसने इससे इनकार कर दिया। इससे साफ है कि चीन चाहता है कि भारतीय सेना अब एलएसी के पास पट्रोलिंग पॉइंट 15 और 17ए पर उसकी नई स्थिति को स्वीकार करे और वह इन इलाकों में अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति पर जाने में भी आनाकानी कर रहा है।
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया, ‘गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में चीन के करीब 60 सैनिक अप्रैल 2020 की स्थिति से आगे मौजूद हैं और इस इलाके को खाली करने की प्रक्रिया तब तक पूरी नहीं मानी जाएगी जब तक चीन अपने सैनिक नहीं हटाएगा। एक बार यह चरण पूरा हो जाए इसके बाद देपसांग इलाके में भारतीय सेना के पट्रोलिंग अधिकारों के मुद्दे पर आगे बढ़ा जाएगा। यह मुद्दा साल 2013 से बना हुआ है।’
कोहली की ‘विराट’ सेना ने KKR को चटाई धूल, लगातार तीसरी जीत
दरअसल ये इलाके भारत और चीन, दोनों के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है। चीनी सेना गोगरा, हॉट स्प्रिंग और कोंगका ला क्षेत्र से इलाके में तैनात अपने सैनिकों के लिए भारी मात्रा में रसद पहुंचा पाती है। दसवें दौर की सैन्य वार्ता 20 फरवरी को हुई थी। दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिक और हथियारों को पीछे हटाने पर राजी हुईं थीं। हालांकि, अब चीन इसमें आनाकानी कर रहा है।