भारत के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तिब्बत का दौरा किया। सत्ता संभालने के एक दशक बाद जिनपिंग का पहला तिब्बत दौरा है।
चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक , जिनपिंग ने भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य से सटे चीन के न्यिंगची शहर का दौरा कर हालात का जायजा लिया इतना ही नहीं राष्ट्रपति जिनपिंग ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहे बांध का भी निरीक्षण किया। चीन यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बना रहा है। वहीं भारत इसका कड़ा विरोध कर रहा है।
ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन बना रहा विशाल बांध
समाचर एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग न्यिंगची के एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद चीनी राष्ट्रपति ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदी के घाटी का निरीक्षण किया। चीन तिब्बत से लेकर भारत तक बेहद पवित्र मानी जाने वाली यारलुंग त्सांग्पो या ब्रह्मपुत्र नदी पर 60 गीगावाट का महाकाय बांध बनाने की योजना तैयार कर रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के थ्री जॉर्ज डैम की तुलना में ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहा बांध तीन गुना ज्यादा बिजली पैदा करेगा। चीन रेल के साथ-साथ सड़क मार्ग को भी दुरुस्त कर रहा है।
उसने हाल ही में ब्रह्मपुत्र नदी घाटी के बीच से एक रणनीतिक रूप से बेहद अहम हाइवे का निर्माण किया है। यह हाइवे मेडोग काउंटी को जोड़ता है जिसकी सीमा अरुणाचल प्रदेश से लगती है।
बाड़ाहोती में ड्रेगन की हरकतों के बाद लिपुलेख सीमा पर भी सुरक्षा एजेंसियां चौकस
वहीं उत्तराखंड में चमोली जिले के बाड़ाहोती में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास ड्रेगन की गतिविधियां बढ़ने के बाद पिथौरागढ़ जिले से लगी चीन सीमा में भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने नाभीढांग से लिपुलेख में भी सतर्कता बढ़ा दी है। हालांकि लिपुलेख सीमा पर चीनी सेना की किसी तरह की हरकत नहीं देखी गई है। सीमा पूरी तरह से शांत है, लेकिन सीमा की कड़ी निगरानी की जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नाभीढांग से लिपुपास के आठ से 10 किमी के दायरे में भारतीय सुरक्षा बलों की टुकड़ी दिन-रात गश्त कर रही हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के जवानों ने चौकसी के साथ ही गश्त भी बढ़ा दी है।