नोएडा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने मंगलवार काे इंडिया एक्सपो मार्ट ग्रेटर नोएडा में इंडिया वाटर वीक-2022 (India Water Week) का शुभारम्भ किया। इस मौके पर उन्होंने एक तरफ जहां केन्द्र और राज्य सरकारों के जल संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों को जिक्र किया, वहीं सीमित जल संसाधन के लिए लोगों में जागरुकता लाने, इस क्षेत्र में बढ़-चढ़कर कार्य करने और आचार व्यवहार में लाने की अपील की। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
LIVE: President Droupadi Murmu’s address at the inauguration of India Water Week – 2022 at India Expo Centre, Greater Noida https://t.co/YuZmNYNcmq
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 1, 2022
देश में पर्याप्त जल संसाधन, नियोजन का था अभाव: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि हम देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से आते हैं। सर्वाधिक आबादी वहीं होगी, जहां जीवन जीने की व्यवस्था सबसे अधिक हो। देश में पर्याप्त जलसंसाधन हैं, लेकिन नियोजन का अभाव था। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से नियोजन हुआ। हम सब प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं। पांच दिन जलसंरक्षण और समसामयिक विषयों पर विशेषज्ञ चिंतन करेंगे और हमे रास्ता दिखाएंगे।
उप्र में 60 नदियां पुनर्जीवित की गयीं
कभी नदियों को जोड़ने का प्रयास नहीं हुआ। छोटी नदियां विलुप्तप्राय होती गयी। उप्र में 60 से अधिक नदियों को पुनर्जीवित किया गया। गंगा उप्र के सर्वाधिक भूभाग को कवर करती है। कानपुर में गंगा की सबसे खराब स्थिति थी। आज एक भी बूंद सीवर का पानी नहीं गिरता है। आज वह स्थान सेल्फी प्वाइंट बना है। जलीय जीव गंगा में दिखने लगे हैं। यह नमामि गंगे परियोजना की देन है। काशी में एक बार फिर से गंगा में डाल्फिन दिखाई देने लगी है।
यूपी के 58 हजार ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर कार्य आरम्भ
यह वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष है। प्रधानमंत्री मोदी ने जल संचयन क्षेत्र में कार्य करने का आह्वान किया है। उप्र में सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर का कार्य शुरू किया है। हमें माटी के बर्तन की ओर बढ़ना होगा। प्लास्टिक और थर्माकोल को छोड़ना होगा। उप्र में माटी कला बोर्ड का गठन किया गया। बोर्ड के प्रयासों से मिट्टी के बर्तन प्लास्टिक और थर्माकोल की कीमत में ही मिलने लगे तो लोगों की रुझान उस ओर बढ़ी है। दिसंबर 2022 तक बुंदेलखण्ड और विंध्य क्षेत्र के हर घर में शुद्ध जल पहुंचा दिया जाएगा।
जलसंकट से निपटना हमारे लिए बड़ी चुनौती : गजेन्द्र सिंह शेखावत
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि हम सब जानते हैं कि बढ़ते हुए जलसंकट की चुनौतियों से हम सब जूझ रहे हैं। समय की मांग है कि हम सब एक साथ मिलकर विचार करें और कार्य करें। देश और दुनिया की कोई एक संस्था या सरकार के काम करने से समाधान होने वाला है। इसलिए सबको लगना होगा। प्रधानमंत्री मोदी इस संकट को समझते हुए जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया। दुनिया में उपलब्ध जल का केवल चार प्रतिशत का ही पीने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
फ़ूड एक्सपो-2022 से प्रसंस्करण क्षेत्र की संभावनाओं को मिलेगा व्यापक फलक
दुनियाभर में मौजूद पानी का केवल चार प्रतिशत चल ही भारत के पास है। यहां की जलवायु, वर्षा का निर्धारित समय, कभी सूखा और कभी बाढ़ की वजह से हमारी चुनौतियां बड़ी हैं। बढ़ती आबादी की वजह से पानी की खपत बढ़ती जा रही है। भूगर्भ जल पर निर्भरता हमारी ज्यादा है। ऐसी तमाम चुनौतियों से निपटना होगा। यह राष्ट्रीय कार्य है। सबको इस अभियान से जुड़ना होगा।