नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को सोमवार हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “आज हाइपरसोनिक टेस्ट डिमॉन्स्ट्रेशन व्हीकल की सफल उड़ान के लिए डीआरडीओ को शुभकामनाएं। हमारे वैज्ञानिकों ने स्क्रैमजेट इंजन विकसित करने में सफलता हासिल कर ली है। इसकी गति ध्वनि की गति से छह गुना ज्यादा होगी। आज बहुत कम देशों के पास ऐसी क्षमता है।”
Congratulations to DRDO for successful flight of Hypersonic Test Demonstration Vehicle today. The scramjet engine developed by our scientists helped the flight achieve a speed 6 times the speed of sound! Very few countries have such capability today: PM Narendra Modi (file pic) https://t.co/2HcZOwovns pic.twitter.com/dVh5xe1ESz
— ANI (@ANI) September 7, 2020
गौरतलब है कि देश ने हारपरसोनिक और क्रूज मिसाइल प्रक्षेपण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए हारपरसोनिक टेक्नोलोजी डिमोन्स्ट्रेशन व्हीकल (एचटीडीवी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
देश के प्रमुख अनुसंधान संगठन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने देश में ही विकसित प्रौद्योगिकी के माध्यम से आज सुबह 11 बज कर तीन मिनट पर ओड़िशा के तट पर व्हीलर द्वीप स्थित डा ए पी जे अब्दुल कलाम प्रक्षेपण परिसर से यह परीक्षण किया। इसके साथ ही देश अमेरिका, रूस और चीन जैसे चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जिनके पास यह प्रौद्योगिकी है।
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इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को इस सफलता पर बधाई दी है। अपने टि्वट संदेश में उन्होंने कहा , “डीआरडीओ ने देश में ही विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए हारपरसोनिक टेक्नोलोजी डिमोन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफल परीक्षण किया है। इस सफलता के साथ सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी अब अगले चरण के के लिए विकसित की चा चुकी हैं। ”
डीआरडीओ के अनुसार इस हाइपरसोनिक क्रूज यान को राकेट मोटर की मदद से प्रक्षेपित किया गया। तीस किलोमीटर की ऊंचाई पर एयरोडायनामिक हीट शील्ड अलग हो गयी। क्रूज यान भी प्रक्षेपण यान से अलग हो गया और अपने निर्धारित मार्ग पर ध्वनि की गति से छह गुना तेज यानी दो किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 20 सेकेंड से भी अधिक समय तक आगे बढा। इस दौरान सभी मानकों ने निर्धारित तरीके से काम किया। इस यान की विभिन्न स्तर पर राडार और अन्य उपकरणों से निगरानी की जा रही थी। मिशन की निगरानी के लिए बंगाल की खाड़ी में नौसेना का जहाज भी तैनात था। सभी मानकों की निगरानी से मिशन के पूर्णतया सफल होने के संकेत मिले हैं। इसके साथ ही देश ने हाइपरसोनिक मेनुवर के लिए एयरोडायनामिक कोनफिग्रेशन और स्कैमजेट प्रोपल्शन जैसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी हासिल कर ली है।
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डीआरडीओ के अध्यक्ष डा जी सतीश रेड्डी ने भी सभी वैज्ञानिकों और सहयोगी स्टाफ को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।