नई दिल्ली। ओडिशा के चांदीपुर मे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने शुक्रवार को एकीकृत परीक्षण रेंज से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) मिसाइल का सफल परीक्षण किया। ये मिसाइल भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक मिसाइल प्रणादेन तकनीक है। डीआरडीओ अधिकारियों ने बताया कि ग्राउंड बूस्टर मोटर समेत सभी सब सिस्टम उम्मीदों पर खरे उतरे और उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया।
#CORRECTION spelling error: DRDO today successfully conducted a flight test of Solid Fuel Ducted Ramjet (SFDR) Technology from Integrated* Test* Range, Chandipur in Odisha today. https://t.co/4OrAwFTSsC
— ANI (@ANI) March 5, 2021
यह मिसाइल भारत की सर्फेस टू एयर और एयर टू एयर दोनों ही मिसाइलों को बेहतर प्रदर्शन करने और उनकी स्ट्राइक रेंज को बढ़ाने में मदद करेगा। अधिकारियों ने बताया कि परीक्षण के दौरान, कई नई तकनीकियां साबित हुईं। इसमें सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट तकनीकी भी शामिल है।
दिल्ली के सभी प्रवेश मार्गों को 6 मार्च को जाम करेगा संयुक्त किसान मोर्चा
जानें क्या होती है रैमजेट तकनीक?
रैमजेट वायु स्वास्थ जेट इंजन का एक रूप होता है। ये घुर्णन कंप्रेस के बिना आने वाली हवा को कम प्रेस करने के लिए वाहन की आगे की गति का उपयोग करता है। एक रैमजेट संचालित वाहन को एक रॉकेट की तरह ही एक सहायक टेक ऑफ की जरूरत होती है। ये वाहन को उस गति तक ले जाने में सहायक होता है, जहां से इसमें जोर पैदा होना शुरू होता है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 100-200 किमी है।