नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (Airforce) में अधिकारी बनने की ख्वाहिश हर युवाओं को होता है. लेकिन यह ख्वाहिश कुछ ही लोगों का पूरा हो पाता है. इसके लिए काफी मेहनत करनी होती है. भारतीय वायु सेना (Indian Airforce) में फ्लाइंग ऑफिसर देश की सेवा में काफी योगदान देते हैं. इसके लिए UPSC NDA, UPSC CDS और AFCAT के जरिए आवेदन करना होता है.
उम्मीदवार जो फ्लाइंग ऑफिसर बनना चाहते हैं, वे AFCAT के जरिए फ्लाइंग ब्रांच में शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के तहत आवेदन कर सकते हैं. यह शॉर्ट सर्विस कमीशन बिना किसी विस्तार के 14 साल के लिए होता है. ग्रेजुएट/इंजीनियर के रूप में, कैंडिडेट्स वायु सेना अकादमी के जरिए फ्लाइंग ब्रांच में कदम रख सकते हैं.
इसमें शॉर्टलिस्ट किए गए सभी उम्मीदवार फाइटर पायलट या हेलीकॉप्टर पायलट या ट्रांसपोर्ट पायलट के रूप में अपने करियर की शुरुआत करते हैं. AFCAT परीक्षा पूरे भारत के सभी प्रमुख शहरों में साल में दो बार आयोजित करवाई जाती है.
आयु सीमा
इसमें आवेदन करने के लिए किसी भी कैंडिडेट की उम्र 20 से 24 साल होनी चाहिए. डीजीसीए द्वारा जारी वैध और वर्तमान कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस रखने वाले उम्मीदवारों के लिए अधिकत आयु सीमा में 26 साल तक की छूट दी गई है. साथ ही उम्मीदवार की भारतीय नागरिकता और बिना शादी-शुदा होना चाहिए.
योग्यता
- 10+2 में मैथ्स और फिजिक्स में प्रत्येक में कम से कम 50 फीसदी मार्क्स होने चाहिए.
- किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 60% मार्क्स के साथ किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना ज़रूरी है.
- किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 60% मार्क्स या फिर इंस्टीट्यूट इंजीनियर्स (इंडिया) या एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की एसोसिएट सदस्यता की सेक्शन ए और बी परीक्षा पास करनी होगी.
- फ़ाइनल ईयर के स्टूडेंट्स भी आवेदन कर सकते हैं. लेकिन उनके पास AFSB परीक्षण के समय कोई बैकलॉग न हो और विज्ञापन में निर्धारित तारीख के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा जारी डिग्री प्रमाण पत्र देना होगा.
सैलरी
सैलरी की बात करें तो सातवें वेतन आयोग के मुताबिक एक फ्लाइंग ऑफिसर को करीब 56100 से लेकर 177500 रुपये महीना तक की सैलरी दी जाती है. इसके बाद जैसे-जैसे वायु सेना में रैंक और कद बढ़ते हैं, सैलरी में भी बढ़ोतरी होती रहेगी.ये भी पढ़ें…