लाइफ़स्टाइल डेस्क। कोरोना काल में संक्रमण से बचने के लिए काढ़ा पीने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। संक्रमण के डर से लोग रोज दिन में बार-बार काढ़ा पी हे हैं। लेकिन आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार काढ़ा पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यह गले-पेट में अल्सर का कारण भी बन सकता है। किसी व्यक्ति के लिए एक दिन में दो बार काढ़ा पीना पर्याप्त होता है। शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोज ‘गोल्डन मिल्क’ पीना सर्वश्रेष्ठ उपाय होता है, जो अकेले ही व्यक्ति को किसी वायरस या जीवाणु से बचने में मदद कर सकता है।
कैसे बनाएं ‘गोल्डन मिल्क’
एक्जामिनिंग बॉडी फॉर पैरामेडिकल ट्रेनिंग फॉर भारतीय चिकित्सा, दिल्ली के चेयरमैन डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल ने अमर उजाला को बताया कि बीमारियों के संक्रमण से बचने के लिए ‘गोल्डन मिल्क’ पीना सबसे सस्ता और सबसे सुरक्षित उपाय होता है। इसके लिए एक ग्लास दूध में दो चुटकी हल्दी मिलाकर उबाल लेना चाहिए। दूध में दो बार उबाल आने के बाद इसे हल्का गर्म रहते हुए धीरे-धीरे पीना चाहिए। पूरी तरह घरेलू उपचार होने के कारण यह सस्ता और सबसे कारगर उपाय होता है।
डॉ. प्रदीप गुप्ता के मुताबिक हल्दी में अनोखी विशेषता होती है कि यह अकेले ही एंटीसेप्टिक, दर्द-सूजन रोधी, एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुणों से युक्त होता है। इसलिए यह अकेले ही शरीर को किसी वायरस, बैक्टीरिया से बचाने में सक्षम होता है। स्वाद और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दूध गर्म करते समय इसमें अदरक, सोंठ और अजवाइन भी डाली जा सकती है। इसे ही ‘गोल्डन मिल्क’ कहा जाता है। आयुष मंत्रालय ने इसे रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में बेहद कारगर उपाय बताया है।
महंगा काढ़ा खरीदने से बचें
कोरोना काल में अनेक कंपनियां बाजार में दो-तीन सौ रुपये तक में 200-250 ग्राम काढ़ा बेच रही हैं। लेकिन महंगा काढ़ा खरीदने की कोई आवश्यकता नहीं है। घर की रसोई में उपलब्ध अदरक, सोंठ, हल्दी, सौंफ, काली मिर्च, अजवाइन, दालचीनी और तुलसी की पत्तियों को भी काढ़े के रूप में कारगर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
काढ़े की सही खुराक कितनी
एक स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमण से बचने के लिए दिन में दो बार काढ़ा पीना पूरी तरह पर्याप्त होता है। इसके लिए लगभग तीन ग्राम या एक चम्मच काढ़ा एक-सवा कप पानी में गर्म करना चाहिए। जब पानी लगभग पौना कप रह जाए तब उसे धीरे-धीरे पीना चाहिए। इसमें स्वाद और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शहद, गुड़ या नींबू का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तरह के काढ़े की दो खुराक किसी भी व्यक्ति के लिए पर्याप्त होता है।