• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

निर्जला एकादशी में इस समय पानी पीने से नहीं टूटेगा व्रत, जानें क्या वो नियम?

Writer D by Writer D
06/06/2025
in धर्म, Main Slider, फैशन/शैली
0
Nirjala Ekadashi

Nirjala Ekadashi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत अति महत्वपूर्ण माना गया है। पूरे साल में चौबीस एकादशियां आती हैं लेकिन जब अधिकमास या मलमास पड़ता है तब एकादशी कुल मिलाकर 26 के करीब हो जाती हैं। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) या भीमसेनी एकादशी कहा जाता है।

इस व्रत की महत्ता बाकी की एकादशी से अधिक बतायी जाती है।कहा जाता है कि इस की एकादशी सभी एकादशी के व्रत करने के बराबर होती है यानि ये एक एककादशी व्रत रखने से आपको पूरी 24 एकादशी का फल मिल जाता है।

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) जैसा कि नाम से ही विदित है कि इस व्रत में जल के बिना रहा जाता है। इस व्रत में भोजन और जल ग्रहण करना निषेध है। वैसे तो शास्त्रों के अनुसार इस व्रत में पानी का पीना वर्जित है इसलिये इस निर्जला एकादशी कहते हैं लेकिन शास्त्रानुसार एक तय नियम और तय समय में आप जल ग्रहण कर सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं वो नियम–

इस नियम से पानी पीने से नहीं टूटता व्रत

वैसे तो ऐसी मान्यता है कि निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत का पूर्ण फल तभी प्राप्त होता है जब अगले दिन व्रत का पारण करके जल को ग्रहण किया जाये, लेकिन अगर आप इस व्रत में स्नान आचमन के समय नियमानुसार आप पानी पीते हैं तो व्रत भंग नहीं होता है और इस व्रत से अन्य तेईस एकादशियों का पुण्य का लाभ भी आपको मिल जाता है। यानि जिस वक्त आप नहाने जायें उस समय पहले जल का आचमन करें और फिर उसी समय पानी पी लें।

पौराणिक कथा भी प्रचलित

इस नियम के पीछे एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है एक बार महर्षि व्यास पांडवो से भीम ने पूछा कि महर्षि ये बताइए कि युधिष्ठर, अर्जुन, नकुल, सहदेव, माता कुन्ती और द्रौपदी सभी एकादशी का व्रत करते हैं लेकिन अपनी उदर अग्नि के चलते ये व्रत नहीं कर पाता तो क्या कोई ऐसा व्रत है जो मुझे चौबीस एकादशियों का फल एक साथ दे सके ?

महर्षि व्यास जानते थे कि भीम के भोजन के बिना नहीं रह सकते, तब व्यास जी ने भीम से कहा कि तुम तुम ज्येष्ठ शुक्ल निर्जला एकादशी का व्रत रखो क्योंकि इस व्रत में स्नान आचमन के समय जल ग्रहण से दोष नहीं लगता और सभी 24 एकादशियों का फल व्रत करने वाले को मिल जाता है।

Tags: Nirjala Ekadashi
Previous Post

झुलसाती गर्मी में ठंडक पहुंचाएगी फ्रूट आइसक्रीम

Next Post

निर्जला एकादशी पर ऐसे करें व्रत का पारण, जान लें नियम

Writer D

Writer D

Related Posts

CM Dhami
Main Slider

योजनाओं के क्रियान्वयन में लाएं तेजी, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ प्राप्त कर सकें: धामी

19/09/2025
Sam Pitroda
Main Slider

पाकिस्तान में मुझे घर जैसा महसूस होता…, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने फिर दिया विवादित बयान

19/09/2025
Ajey: The Untold Story of a Yogi
Main Slider

अजेय : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी रिलीज, सिनेमाघरों में उमड़ी भारी भीड़

19/09/2025
Hair Fall
फैशन/शैली

नहीं रुक रहा हेयर फॉल, तो निपटने के लिए कर लें ये काम

19/09/2025
hair
Main Slider

हर मौसम में बाल रहेंगे सिल्की और स्मूथ, अपनाएं ये उपाय

19/09/2025
Next Post
Parivartini Ekadashi

निर्जला एकादशी पर ऐसे करें व्रत का पारण, जान लें नियम

यह भी पढ़ें

arrested

पुलिस मुठभेड़ में दो लुटेरे गिरफ्तार

10/07/2023
सीएम योगी पहुंचे अयोध्या

सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे अयोध्या, भूमि पूजन तैयारियों का ले रहे हैं जायजा

25/07/2020

दानिश सिद्दिकी अपने होम बैंनर ‘फ्लाइंग बर्ड पिचर्स’ द्वारा ‘मिसींग चैप्टर’ सिरीज को कर रहे हैं प्रोड्यूस।

02/01/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version