दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली बार आयोजित हुई ओपन बुक परीक्षा में जो समस्याएं सामने आईं उसके बाद नवंबर-दिसंबर में हुई परीक्षा में काफी सुधार देखा गया है। पहले ओपन बुक परीक्षा में जहां 5.5 लाख मेल से उत्तर पुस्तिकाएं आईं। वहीं, इस बार यह आंकड़ा महज 7 हजार के आसपास है, बाकी कापियां पोर्टल पर छात्रों ने अपलोड की हैं। परीक्षा विभाग इसे एक उपलब्धि के तौर पर देख रहा है। क्योंकि मेल से कापियां आने के कारण इसके मूल्यांकन में परेशानी होती है और बाद में परीक्षा परिणाम में दिक्कत होती है।
हालांकि स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की अगस्त में हुई ओपन बुक परीक्षा का परिणाम जारी किया गया है। इसमें लगभग 7 फीसदी यानी 10 हजार छात्रों का परीक्षा परिणाम प्रतीक्षित है। डीयू के परीक्षा विभाग का कहना है कि इन छात्रों ने गूगल ड्राइव के माध्यम से अपने उत्तर भेजे थे इसलिए यह परीक्षा परिणाम प्रतीक्षित है। डीयू के डीन एग्जामिनेशन प्रो. डीएस रावत का कहना है कि मेल से भेजने वाले छात्रों का परीक्षा परिणाम देरी से आ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि एसओएल के जिन छात्रों का परीक्षा परिणाम प्रतीक्षित है उसमें गूगल ड्राइव के माध्यम से उत्तर पुस्तिका भेजने वाले छात्रों की संख्या अधिक है।
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डीयू के एक अधिकारी ने बताया कि गूगल ड्राइव पासवर्ड प्रोटेक्टेड है। इसलिए इसमें आई कापियों को खोलना मुश्किल है।
दोनों ओपन बुक परीक्षा में छात्रों से ये गलतियां हुई थीं
उत्तर पुस्तिका गूगल ड्राइव से भेजना, रोल नंबर गलत लिखना, प्रश्नपत्र का यूपीसी कोड गलत लिखना, पहला पेज ही नहीं भेजना, एक कापी कई लोगों को मेल करना।
दिसंबर में हुई परीक्षा में लगभग सात हजार मेल आए
डीयू ने नवंबर-दिसंबर में जो ओपन बुक परीक्षा आयोजित की थी, उसमें केवल पोर्टल पर कापियां भेजने का विकल्प दिया था। विषम परिस्थिति में छात्रों को मेल करने का विकल्प भी था। लेकिन छात्रों को मेल करने का कारण भी बताना होता था। डीयू में इस बार हुई परीक्षा में लगभग 7 हजार मेल पर उत्तर पुस्तिका आई हैं। डीयू के नियमानुसार जो उत्तर पुस्तिकाएं आई हैं। उनकी समीक्षा एक समिति करेगी। इन कापियों के परीक्षा परिणाम में भी विलंब हो सकता है।