नई दिल्ली| डीयू की दाखिला शाखा ने कॉलेजों से कहा है कि यदि वे किसी छात्र आवेदन अस्वीकार कर रहे हैं तो इसका कारण जरूर बताएं। प्राय: छात्रों को यह शिकायत रहती है कि उनको पता ही नहीं चल रहा कि उनका आवेदन क्यों अस्वीकार किया गया है। इसके अलावा भी डीयू ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं, जिससे छात्रों के मन में दाखिला संबंधी कोई सवाल अनुत्तरित न रहे।
डीयू ने जारी निर्देश में कहा है कि तेलंगाना बोर्ड की गणित ए और गणित बी के जोड़ को सीबीएसई की गणित में मिले अंक के बराबर माना जाएगा। यह कटऑफ का सुझाव देने वाले कैलकुलेटर में नहीं शो कर रहा है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर राज्य बोर्ड के स्कूल एजुकेशन और एएमयू बोर्ड ऑफ सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन की अंग्रेजी को सीबीएसई के इलेक्टिव इंग्लिश के बराबर माना जाएगा।
एकेटीयू ने कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग का कार्यक्रम किया जारी
डीयू ने कॉलेजों से यह अनुरोध किया है कि बेस्ट ऑफ फोर या बेस्ट ऑफ थ्री को बिना वेरिफाई किए अस्वीकार न करें। यदि किसी छात्र का अंकपत्र ऑनलाइन वेरिफाई नहीं हो पा रहा है तो उसे दाखिला दें लेकिन उसके लिए रिमार्क जरूर लिखें कि दाखिला अंकों के वेरिफिकेशन के आधार पर होगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने आरक्षित वर्ग के छात्रों को प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अतिरिक्त 14 दिन का समय दिया है। डीयू ने सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल को निर्देश दिया है कि प्रमाणपत्र नहीं होने की स्थिति में दाखिला न रोकें।