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आतंकियों की शरणस्थली बना दुबग्गा

राजधानी का ठाकुरगंज और काकोरी इलाका आतंकियों की शरणस्थर्ली बनता जा रहा है। खासकर इन दोनों थाना क्षेत्र की सीमा पर स्थित दुबग्गा इलाका संदिग्ध लोगों के शरण लेने के लिए मशहूर होता जा रहा है। इसका नतीजा है कि यूपी एटीएस ने दुबग्गा इलाके से पिछले साढ़े चार साल में दो बड़े आपरेशन कर विभिन्न संगठनों के आतंकियों की धरपकड़ की है। साढ़े चार साल पहले इसी इलाके में 13 घंटे तक चले आपरेशन एटीएस ने आतंकी सैफुल्लाह का मार गिराया था और रविवार को इसी इलाके से अलकायदा के दो आतंकी गिरफ्तार किये गये।

8 मार्च 2017 को दुबग्गा में एक मकान के भीतर आतंक सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद राजधानी पुलिस अधिकारियों ने घोषणा की थी कि इस इलाके में विशेष अभियान चलाकर संदिग्ध लोगों की पहचान की जाएगी, लेकिन कुछ दिन ये अभियान चला, उसके बाद बंद कर दिया गया। इसका नतीजा ये निकला कि यूपी एटीएस को इसी इलाके में दोबारा आतंकियों के शरण लेने की सूचना मिली और रविवार को यहां से अलकायदा के दो आतंकी गिरफ्तार किये।

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बता दें कि गत 8 मार्च 2017 को दुबग्गा में हाजी कॉलोनी के एक घर में लगभग 13 घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद आतंकी सैफुल्ला को पुलिस ने मार गिराया था। मुठभेड़ के बाद पुलिस को घर की तलाशी में उसका शव मिला। पुलिस ने मकान में दो संदिग्धों के छिपे होने की शंका जाहिर की थी, लेकिन आपरेशन में केवल एक का शव ही मिला। इस आपरेशन में एटीएस ने मिर्ची बम व आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया था लेकिन आतंकी ने किसी भी तरह से समर्पण करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद एटीएस दीवार तोड़कर अंदर गई और आतंकी को मार गिराया।

गौरतलब है कि एटीएस को हाजी कॉलोनी में आतंकी के छिपे होने की सूचना कानपुर के जाजमऊ क्षेत्र से पकड़े गए फैजल नाम के आतंकवादी ने दी थी। यह भी पता चला था कि हाजी कॉलोनी में छिपे आतंकवादी के पास एसएलआर और एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहे और गोला-बारूद है। इस इनपुट के बाद एटीएस के आईजी अपनी टीम लेकर हाजी कॉलोनी मस्जिद के बगल में स्थित मकान पर छापेमारी की थी, जिसमें सैफुल्लाह मारा गया था।

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महत्वपूर्ण बात ये है कि सैफुल्ला के मारे जाने के बाद भी स्थानीय पुलिस ने सबक नहीं लिया और इसका फायदा उठाते हुए दुबग्गा में रहकर अलकायदा जैसे खूंखार संगठन के आतंकवादी अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटे थे।

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