नई दिल्ली| कोरोना महामारी ने पारंपरिक तरीकों से चल रहे भारतीय बाजारों और खरीदारी के तरीके में बड़ा बदलाव ला दिया है। इस बदलाव ने एक झटके में ई-कॉमर्स और ई-फार्मेसी के कारोबार में बड़ा उछाल ला दिया है।
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बदलते दौर को भांपते हुए खुदरा कारोबार में उतर चुकी रिलायंस रिटेल अब ऑनलाइन फार्मेसी कारोबार में भी उतर गई है। रिलायंस ने विटालिक हेल्थ की 60 फीसदी शेयर 620 करोड़ में खरीदी है। अमेजन इंडिया ने भी ऑनलाइन दवा बेचने का ऐलान किया है। फ्लिपकार्ट भी ई-फॉर्मेसी में उतरने की तैयारी कर रही है।
कोरोना काल में ऑनलाइन फार्मेसी पर ट्रैफिक 200 फीसदी तक बढ़ा है। 1 एम जी, फार्म इजी,नेट मेड जैसी ई फार्मेसी एप से दवा की खूब खरीदारी हुई है। बिना किसी संपर्क के तेज रफ्तार से अपने दरवाजे पर दवा मंगाने के लिए लोग धड़ल्ले से ऑनलाइन शॉपिंग का सहारा ले रहे हैं। यह ट्रेंड आने वाले समय में और बढ़ने की उम्मीद है।
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मेडिकल स्टोर इंडस्ट्री ने फार्मेसी बिजनेस में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन की एंट्री का विरोध किया है। इंडस्ट्री ने इसे गैर-कानूनी बताते हुए ऐमजॉन को कोर्ट में घसीटने की धमकी दी है। इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखा है। इससे पहले भी मेडिकल स्टोर्स इंडस्ट्री ने ई-फार्मेसी पर रोक लगाने की मांग की थी।