नई दिल्ली। राजस्थान के जैसलमेर जिले में पाकिस्तान सीमा पर तैनात भारतीय जवानों की कलाईयां इस बार रक्षाबंधन पर रंग-बिरंगी राखियों से सज नहीं पायेगी।
दरअसल कोरोना संक्रमण से जवानों की रक्षा के लिए करीब 25 वर्षों से रक्षाबंधन के पर्व पर सीमा चैकियों पर पहुंचकर रक्षाबंधन पर्व मनाने वाली सामाजिक संस्था सीमाजन कल्याण समिति को इस बार वहां पहुंचने की अनुमति नहीं मिली है।
यहां उल्लेखनीय है कि सीमाजन कल्याण समिति के कार्यकर्ता अपनी बहनों के साथ प्रतिवर्ष जिले की करीब 120 सीमा चैकियों पर तैनात जवानों की कलाईयों पर राखी बांधकर सीमा सुरक्षा का संकल्प लेती है। शहर के विभिन्न स्कूलों की छात्राएं भी समिति के माध्यम से बीएसएफ के जवानों को राखी संदेश भेजा करती थी।
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लेकिन इस बार समिति के कार्यकर्ता प्रतीकात्मक तौर पर रक्षाबंधन मनायेंगे। सीमाजन कलयाण समिति के जिला मंत्री शरद व्यास ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीमावर्ती गांवों के नजदीक की 10 सीमा चैकियों पर राखी व मिठाई के पैकिंग डिब्बे जवानों को समर्पित कर प्रतीकात्मक रक्षा बंधन मनाया जायेगा।
सीमाजन कल्याण समिति राजस्थान के प्रदेश संगठन मंत्री नीम्बसिंह ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के पाकिस्तान से सटे जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और गंगानगर जिलों के बॉर्डर पर करीब 300 सीमा चैकियों पर समिति के कार्यकर्ता प्रत्येक रक्षाबंधन पर्व पर बहिनों के साथ रक्षा सूत्र बांधने जाते है। परंतु इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए सावधानी बरतते हुए केवल कुछ सीमा चैकियों पर मर्यादाओं का पालन करते हुए रक्षा सूत्र के पैकेट पहुंचाने जा रहे है।