दशहरा (Dussehra) या विजयादशमी को भगवान श्रीराम की लंकापति रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया था। शास्त्रों के अनुसार, विजयादशमी के दिन ही महिषासुर नामक दानव पर मां दुर्गा ने विजय प्राप्त की थी। दशहरे के दिन शमी या अपराजिता पूजा भी की जाती है। पूजन के लिए विजय या अपराह्न मुहूर्त सबसे उत्तम माना गया है।
दशहरा (Dussehra) का पर्व वर्षा ऋतु की समाप्ति और शरद के आरंभ का भी सूचक है। इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा व कलश विसर्जन के साथ ही रावण पुतला दहन का भी विधान है। दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना अत्यंत शुभ माना गया है। दशहरा (Dussehra) के दिन भगवान श्रीराम, मां दुर्गा, भगवान श्रीगणेश व हनुमान जी की पूजा करना शुभ माना गया है। जानें इस साल अक्टूबर में दशहरा कब है, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि-
दशहरा (Dussehra) या विजयादशमी कब है
द्रिक पंचांग के अनुसार, दशमी तिथि 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ होगी और 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। दशहरा का पर्व 12 अक्टूबर 2024, शनिवार को मनाया जाएगा।
श्रवण नक्षत्र कब से कब तक
शास्त्रों के अनुसार, दशहरा (Dussehra) या विजयादशमी पर श्रवण नक्षत्र का होना अत्यंत शुभ व कल्याणकारी माना गया है। इस साल श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर प्रारंभ होगा और 13 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा।
दशहरा (Dussehra) पूजन का विजय मुहूर्त
दशहरा (Dussehra) के दिन पूजन का विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। यानी पूजन की कुल अवधि 46 मिनट की है।