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स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कूड़ेदान खरीद घोटाला

Dustbin purchase scam

Dustbin purchase scam

लखनऊ/हरदोई। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत हरदोई में कूड़ेदान की खरीद में बड़ा घोटाला (Dustbin purchase scam) सामने आया है। यहां बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर कूड़ेदानों की खरीद की गई। यह खरीद बिना किसी अनुमति के केवल मौखिक आदेश पर की गई। इससे लाखों रुपये की चपत सरकारी खजाने को लगी है। इस मामले में विजिलेंस के लखनऊ सेक्टर थाने में 141 ग्राम पंचायतों के प्रधान व 41 ग्राम विकास अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

हरदोई जिला पंचायत राज अधिकारी रहे अनिल कुमार सिंह के खिलाफ भारत सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम के तहत स्वच्छ भारत मिशन योजना में कूड़ेदानों की खरीद में की गई अनियमितता की खुली जांच के आदेश राज्य सतर्कता समिति ने उ.र. दिए थे। जांच में पाया गया कि इस योजना के तहत सूखे व गीले कूड़े के लिए अलग-अलग कूड़ेदान सार्वजनिक भवनों, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र एवं उप केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र, हाट बाजारों एवं धार्मिक स्थलों पर इसे स्टैंड पर लगाया जाना था।

जांच में पाया गया कि हरदोई जिले में कूड़ेदान की आपूर्ति के लिए कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया गया। केवल मौखिक आदेश से मेसर्स एसएससीओ मैनेजमेंट सर्विस विभूतिखंड, गोमतीनगर, लखनऊ से आपूर्ति हासिल की गई। इसके लिए शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं व मानकों का पालन नहीं किया गया। इतना ही नहीं इन कूड़ेदानों की खरीद के लिए ग्राम सभा द्वारा बनाई गई कार्ययोजना की प्रविष्टि रजिस्टर में दर्ज नहीं की गई।

कूड़ेदानों की खरीद नील कमल कंपनी की 8348 रुपये प्रति जोड़ा व सुप्रीम डस्टबिन – 8686 रुपये प्रति जोड़ा (जीएसटी अलग से) की दर से खरीदी गई। जबकि बाजार में नील कमल की डस्टबिन 4400 रुपये प्रति जोड़ा और सुप्रीम डस्टबिन 6000 रुपये प्रति जोड़ा की दर से उपलब्ध थी।

जांच के दौरान जिन 141 ग्रामों की जांच की गई उसमें 1500 से अधिक डस्टबिन की खरीद में 17 लाख 11 हजार 344 रुपये का सरकारी खजाने का नुकसान का पता चला है। इस मामले में विजिलेंस ने कूड़ेदान सप्लाई करने वाली कंपनी मेसर्स एसएससीओ मैनेजमेंट, विभूतिखंड के निदेशक सुनील कुमार सिंह को भी दोषी माना है।

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