नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनी अब खराब सामान बेचकर उपभोक्ताओं की शिकायतों से पल्ला नहीं झाड़ पाएगीं। ई-कॉमर्स कंपनी को 48 घंटे के अंदर किसी भी उपभोक्ता की शिकायत को स्वीकार करना होगा और एक माह के अंदर उसका निवारण करना होगा। ऐसा नहीं करने पर ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नया उपभोक्ता संरक्षण कानून सोमवार से लागू हो गया है। इसके तहत ई-कॉमर्स और सीधी बिक्री के नियम भी तैयार कर लिए गए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि नियम तैयार है और इस सप्ताह के अंत तक नियमों को अधिसूचित कर दिया जाएगा। इसके बाद यह नियम मानना ई-कॉमर्स को अनिवार्य होगा। पुराने उपभोक्ता कानून के मुकाबले इस कानून को उपभोक्ताओं के लिए आसान बनाने की कोशिश की गई है। मसलन, उपभोक्ता को अब उस जगह जाकर शिकायत नहीं करनी होगी, जहां से उसने सामान खरीदा है।
रामविलास पासवान ने कहा कि उपभोक्ता किसी भी स्थान और किसी भी माध्यम के जरिए शिकायत कर सकता है। भ्रामक विज्ञापन करने के लिए सिलेब्रिटी पर जुर्माने के साथ नकली और मिलावटी सामान बेचने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। पासवान ने कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के पास उपभोक्ता अधिकारों की जांच करने के साथ वस्तु और सेवाओं को वापस लेने का अधिकार होगा। नए कानून में पहली बार मध्यस्तथा का भी प्रावधान किया गया है। रामविलास पासवान ने कहा कि इस प्रक्रिया से शिकायतों के निपटारे में तेजी आएगी। पर मध्यस्तथा दोनों पक्षों की रजामंदी के बाद ही की जाएगी और निर्णय दोनों पक्षों को मानना अनिवार्य होगा। मध्यस्तथा के निर्णय के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती।
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नए कानून के तहत उपभोक्ताओं को दिखाए जाने वाले भ्रामक और झूठे विज्ञापन पर भी कार्रवाई की जा सकेगी। इसके तहत निर्माता और सेलेब्रेटी दोनों जिम्मेदार हो सकते हैं। भ्रमित करने वाले विज्ञापन पर सीसीपीए को यह अधिकार है कि उस कंपनी पर दस लाख तक का जुर्माना लगा सके। इसके अलावा बड़े और ज्यादा गंभीर मसलों में जुर्माने की रकम 50 लाख तक भी संभव है।
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पूरे देश में जारी लॉकडाउन के दौरान ई कॉमर्स कंपनियों की बिक्री में वृद्धि हुई है। पर पिछले तीन-चार माह के दौरान ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के खिलाफ शिकायत भी काफी बड़ी संख्या में आई हैं। उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा कि इस दौरान बड़ी संख्या में ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायत मिली है। मंत्रालय इन शिकायतों पर कार्रवाई कर रहा है।