नई दिल्ली। गर्मियों के मौसम (summer season) में लू (heat stroke) सबसे ज्यादा परेशान कर देती है। अगर ये किसी को लग जाए तो परेशानी दोगुनी बढ़ जाती है। जैसे जैसे गर्मी के दिन आते हैं गर्म हवा, सूखापन तेजी से बढ़ने लगता है। आयुर्वेद के मुताबिक इसी दौरान हमारा वात दोष बढ़ना शुरू हो जाता है जिससे स्किन पर चकत्ते, धूप की कालिमा और डीहाईड्रेशन जैसी परेशानी होती हैं।
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गर्मी के मौसम में एसिडिटी, अपच, एसिड रिफ्लक्स और जी मिचलना जैसी पाचन समस्याएं भी आमतौर पर होती हैं। ऐसे में एक्सपर्ट ने लू (heat stroke) से बचने के लिए कुछ आयुर्वेदिक हेल्थ टिप्स बताए हैं, जिन्हें अपनाकर आप इन सभी चीजों से छुटकारा पा सकते हैं।
लू (heat stroke) से निपटने के लिए इन चार चीजों को खाएं
1) ईसबगोल
तापमान के बढ़ने से आपका पाचन तंत्र स्लो और कमजोर होता जाता है, जिसके वजह से पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। यह अजीब लग सकता है, लेकिन जब मौसम बदलते हैं, तो हमारे पेट अलग तरह से रिएक्ट करते हैं। गर्मियों में डीहाईड्रेशन, गर्मी की थकावट, स्ट्रोक और भूख न लगना सभी परेशानियां हैं। शोध के अनुसार, इसबगोल या साइलियम आंतों के हेल्थ को बनाए रखने में मदद कर सकता है, खासकर गर्मियों में। साइलियम में म्यूसिलेज और एलिमेंटरी फाइबर भरपूर होते हैं।
2) आंवला
आयुर्वेद के अनुसार कूलिंग गुण वात और पित्त दोष दोनों को संतुलित करते हैं, जबकि सुखाने की क्षमता कफ दोष को संतुलित करती है। यह हरा, खट्टा स्वाद वाला फल गर्मी में ठंडा रहने का एक बेहतरीन तरीका है। गर्मियों में कच्चे आंवले का सेवन शरीर को ठंडा रखता है और ‘लू’ (heat stroke) या चिलचिलाती हवाओं से बचाता है। इसको कई तरह से खाया जा सकता है जैसे इसका जूस, कच्चा, अचार, पाउडर, या घर के बने मीठे मुरब्बे की तरह।
3) व्हीटग्रास
व्हीटग्रास में विटामिन सी की मात्रा होती है, जो इस गर्मी को मात देने में आपकी मदद कर सकता है। यह न केवल स्किन के संक्रमण से बचाता है बल्कि हीट रैश और थकान से बचाने में भी मदद करता है। व्हीटग्रास जूस पूरे शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है। व्हीटग्रास कार्ब्स को एनर्जी में बदलने में भी मदद करता है, जिससे आप एनर्जेटिक बने रहते हैं।
4) गुलकंद
गर्मी से थकावट, सुस्ती और थकान के साथ-साथ हथेलियों और तलवों पर जलन होती है। यह प्रणाली को फिर से जीवंत करता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है। गर्मियों में एसिडिटी या पेट फूलने के कारण पेट में जलन का अनुभव होता है। गुलकंद एक ही समय में आंतों को सुखदायक करते हुए पेट की परेशानी से राहत देता है।