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हमेशा खाते रहने की आदत बन सकती है ईटिंग डिसऑर्डर

ईटिंग डिसॉर्डर

ईटिंग डिसॉर्डर

लाइफ़स्टाइल डेस्क। क्या आपने कभी ऐसे लोगों को देखा है, जो हमेशा कुछ न कुछ खाते रहते हैं? हर समय कुछ न कुछ खाते रहना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता।यह आदत धीरे-धीरे ईटिंग डिसऑर्डर तक जाती है। ईटिंग डिसॉर्डर खानपान की आदतों से संबंधित एक गंभीर स्थिति है, जो नकारात्मक रूप से आपके स्वास्थ्य, भावनाओं और कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करती है। इस समस्या से ग्रस्त लोगों में खानपान की आदतें सामान्य नहीं रहतीं। कुछ लोग अपने शरीर की आवश्यकता से अधिक खाते हैं, तो कई लोग उससे बहुत कम खाते हैं।

ईटिंग डिसॉर्डर के प्रकार

एनारेक्सिया नवरेसा, बुलिमिया नवरेसा और बिंज ईटिंग डिसॉर्डर सबसे सामान्य प्रकार के डिसॉर्डर हैं। इसके अलावा कुछ और ईटिंग डिसॉर्डर हैं, जिनमें पिका, रूमिनेशन डिसॉर्डर और अवाइडेंट/रिस्ट्रक्टिव फूड इनटेक डिसॉर्डर प्रमुख हैं।

एनारेक्सिया नवरेसा

एनारेक्सिया नवरेसा को आम भाषा में एनारेक्सिया कहा जाता है। यह एक घातक ईटिंग डिसॉर्डर है। इसमें शरीर का वजन कम हो जाता है, क्योंकि जो लोग एनारेक्सिया से पीड़ित होते हैं, वे अपने भार और शरीर के आकार को नियंत्रित करने का अत्यधिक प्रयास करते हैं। एनारेक्सिया से पीड़ित लोग कैलरी का सेवन अत्यधिक कम कर देते हैं या वजन कम करने के लिए दूसरे उपायों को अपनाते हैं। इसमें अत्यधिक व्यायाम करना, पेट साफ रखने के लिए लैक्जेटिव का सेवन या खाने के बाद उल्टी कर देना जैसी चीजें शामिल होती हैं। वजन कम करने के ये प्रयास तब भी जारी रहते हैं, जब वजन अत्यधिक कम हो जाता है। कभी-कभी इससे पीड़ित लोग खुद को इतना भूखा मारते हैं कि यह स्थिति उनके लिए घातक हो जाती है।

बुलिमिया घातक ईटिंग डिसॉर्डर है। इससे पीड़ित व्यक्ति का खानपान पर नियंत्रण नहीं रहता। ऐसे लोग थोड़े समय में ही अधिक मात्रा में खा लेते हैं और अस्वस्थ तरीके से उस अतिरिक्त कैलोरी को कम करने का प्रयास करते हैं, क्योंकि अधिक खाने के बाद ऐसे लोग शर्म और अत्यधिक भय से भर जाते हैं। वजन बढ़ने के डर से वे उल्टी करने का प्रयास करते हैं, अत्यधिक व्यायाम करते हैं या लैक्जेटिव का उपयोग करते हैं, ताकि अतिरिक्त कैलरी मल द्वारा निकल जाए।

बिंज ईटिंग डिसॉर्डर से पीड़ित लोग नियमित रूप से अत्यधिक भोजन खाते हैं। ऐसे लोगों को इस बात का पूरा एहसास रहता है कि उनका अपने खानपान पर नियंत्रण नहीं रहा। बिंज के बाद भी लोग अपने व्यवहार के कारण आत्मग्लानि, गुस्से या शर्म से भर जाते हैं, लेकिन बुलिमिया की तरह वे इस अतिरिक्त कैलरी इनटेक को व्यायाम या दूसरे तरीकों से बाहर निकालने का प्रयास नहीं करते।

पिका : पिका एक ऐसा ईटिंग डिसॉर्डर है, जिसमें व्यक्ति को नॉनफूड आइटम खाने का मन करता है, जैसे साबुन, कपड़ा, टैलकम पाउडर, धूल, चॉक आदि। यह समस्या महीने में कम से कम एक बार तो होती ही है। पिका न स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और न ही सामाजिक रूप से। लगातार इन चीजों के सेवन से स्वास्थ्य संबंधी कई जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे पॉयजनिंग, पाचन मार्ग संबंधी समस्या या संक्रमण। पिका अकसर दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं के साथ होता है, जैसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर।

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