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सपा उम्मीदवार के सियासी गीत पर भारी पड़ रही ‘जय श्रीराम’ की गूंज!

J&K elections

BJP

कानपुर। नगर निकाय चुनाव का प्रचार (Nikay Chunav Campaign) इन दिनों झूमकर चल रहा है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा (BJP) के आगे अन्य दलों के कार्यकर्ताओं का जोश फीका है। इसका अहसास किसी भी मोहल्ले में हो रही चुनावी चर्चाओं से जान सकते हैं। सत्ता पक्ष के प्रचार में ‘जय श्रीराम’ की गूंज है तो सपा (SP) उम्मीदवार सियासी गीत पर झूम रहे हैं।

इस सियासी मैदान में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (SP) की महापौर उम्मीदवार वंदना वाजपेयी की ओर से सियासी गीत प्रचारित कर निवर्तमान महापौर व भाजपा उम्मीदवार प्रमिला पाण्डेय को घेरा जा रहा है, तो दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से लगाये जा रहे नारे ‘जय श्रीराम’ सब पर भारी पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि नगर निकाय चुनाव (Nikay Chunav) के दूसरे चरण में 11 मई को कानपुर में मतदान होना है और जनपद में सबसे चर्चित चुनाव महापौर का है। इस चुनाव में बसपा को छोड़कर कांग्रेस, भाजपा और सपा से ब्राह्मण महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। जबकि मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा में दिख रहा है। भाजपा उम्मीदवार व निवर्तमान महापौर प्रमिला पाण्डेय को भरोसा है कि डबल इंजन की सरकार का फायदा मिलेगा और कानपुर भाजपा का गढ़ भी माना जाता है। इसलिए पिछली बार की अपेक्षा अधिक बड़ी जीत होगी, तो वहीं सपा उम्मीदवार वंदना वाजपेयी को भरोसा है कि ब्राह्मण मतदाताओं के साथ पार्टी के मूल मतदाताओं के बल पर विजयश्री पाने की है।

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यह भी उम्मीद है कि पति अमिताभ वाजपेयी आर्य नगर सीट से सपा विधायक हैं और कैंट के साथ सीसामऊ सीट से सपा के विधायक हैं। लेकिन चुनाव प्रचार में भगवा टोली का उत्साह देखते बन रहा है। इसको देखते हुए सपा उम्मीदवार ने भाजपा उम्मीदवार प्रमिला पाण्डेय को निशाने पर ले रखा है और सियासी गीत के जरिये उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे हैं, ताकि चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर केन्द्रित किया जा सके।

यही नहीं गीतों के जरिये मतदाताओं को यह भी बताने का प्रयास किया जा रहा है कि निवर्तमान महापौर के बेटे ने पांच साल तक जबरदस्त कमीशन लिया है और नगर निगम में लूट की गई है। इन गीतों को सोशल मीडिया पर भी प्रचारित किया जा रहा है। इसके साथ ही सियासी गीतों के जरिये अपनी आगामी योजनाओं को जनता तक पहुंचाया जा रहा है, लेकिन गली मोहल्लों में गूंज रहे ‘जय श्रीराम’ के नारों के सामने उनके गीत कमजोर पड़ते दिख रहे हैं और चुनाव प्रचार में जुटे भाजपा के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह दिख रहा है।

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