जयपुर। राजस्थाान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में जीड़ीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में हुई नकारात्मक वृद्धि पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसके लिए केन्द्र सरकार की दोषपूर्ण आर्थिक नीतियों एवं वित्तीय कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया हैं।
श्री पायलट ने आज कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीड़ीपी में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है जो कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि माइनिंग सेक्टर में 23.3 प्रतिशत, ट्रेड़, ट्रांसपोर्ट, होटल में 47 प्रतिशत, मैन्युफैक्चरिंग में 39.3 प्रतिशत, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 50.3 प्रतिशत तथा उत्पादन सेक्टर में 20.5 प्रतिशत की भारी गिरावट आयी है।
संतकबीरनगर : कोरोना के डर से युवक ने की आत्महत्या, छत से लटकता मिला शव
उन्होंने कहा कि पिछले 24 वर्षों में जीड़ीपी की यह सबसे बड़ी गिरावट है। विश्व की प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में सबसे बड़़ी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल सर्विस तथा यूटिलिटी सेक्टर में क्रमशः 5.3 एवं 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है जिसे उपरोक्त की तुलना में संतोषजनक कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बिना किसी तैयारी के लॉकड़ाउन का फैसला लिया गया, जिसका सीधा असर असंगठित क्षेत्र पर पड़ा, आर्थिक गतिविधियां एकदम बंद हो गई तथा सरकार की आर्थिक नीतियों का लाभ जनता को नहीं मिल पाया जिस कारण जीड़ीपी में इतनी भारी नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है।
मलाइका अरोड़ा ने एक्ने के लिए बताया ये खास घरेलू नुस्खा, लड़कियों के लिए है बेहद फायदेमंद
उन्होंने कहा कि जीड़ीपी के आंकडों से साबित हो गया है कि देश की अर्थव्यवस्था ऐसे दौर में पहुंच गई है जिसका बहुत बुरा प्रभाव आगामी समय में मजदूर, किसान, नौजवान सहित आम आदमी पर पड़़ने वाला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को शीघ्र ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।