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लंबी पूछताछ के बाद ED ने पूर्व गृहमंत्री को किया गिरफ्तार

Anil Deshmukh

Anil Deshmukh

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लाड्रिंग मामले में करीब 13 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को बीती रात एक बजे गिरफ्तार कर लिया । ईडी अब देशमुख को मेडिकल जांच के बाद विशेष कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है। अनिल देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह ने बताया कि वे कोर्ट में गिरफ्तारी का विरोध करेंगे।

अनिल देशमुख अपने वकील के साथ सोमवार को दिन में 12 बजे ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित हुए थे। देशमुख से शुरू में ईडी अधिकारी तासीन सुलतान पूछताछ कर रहे थे। इसके बाद सोमवार की शाम को ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर सत्यव्रत कुमार दिल्ली से मुंबई पहुंचे और पूछताछ के बाद रात एक बजे देशमुख को गिरफ्तार कर लिया गया। रात तीन बजे देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह यह कहते हुए ईडी कार्यालय से बाहर निकले कि ईडी की कार्रवाई का कोर्ट में विरोध करेंगे।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूली का लक्ष्य देने का आरोप लगाया था। इसके बाद ईडी मामले की मनी लॉड्रिंग एंगल से जांच कर रही थी। ईडी ने अनिल देशमुख के घर एवं कार्यालय पर पांच बार छापा मारा था । साथ ही ईडी ने अनिल देशमुख के दो सहायकों को भी गिरफ्तार किया था,जो इस समय न्यायालयी हिरासत में हैं। ईडी ने अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए पांच बार समन भी जारी किया था । तब देशमुख ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे।

क्या है पूरा मामला?

वैसे जिस मामले में अनिल देशमुख की गिरफ्तारी हुई है, उसी केस में पूर्व गृह मंत्री की पत्नी और बेटे से भी पूछताछ होनी है। उन्हें भी दो बार पूछताछ के लिए समन भेजा गया है, लेकिन अभी तक वे नहीं पहुंचे हैं।

केस की बात करें तो मार्च में परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस के कमिश्नर पद से हटा दिया गया था। उन्हें होमगार्ड का डीजी बना दिया गया था। इसके बाद परमबीर सिंह की एक चिट्ठी सामने आई थी, जो उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने दावा किया था कि अनिल देशमुख ने गृहमंत्री रहते हर महीने सचिन वाजे से 100 करोड़ रुपये देने की मांग की थी। इसके साथ ही देशमुख पर ये भी आरोप लगाया गया था कि वो पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के एवज में पैसा लेते हैं।

देशमुख ने जरूर तमाम आरोपों को झूठ बता दिया था, लेकिन उनके खिलाफ जांच शुरू की गई। पहले इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही थी, लेकिन बाद में जब मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल सामने आया, तो ईडी ने भी जांच शुरू कर दी। अब इडी ने ही देशमुख को गिरफ्तार भी कर लिया है।

वैसे ईडी को अपनी जांच के दौरान ये भी पता चला था कि सचिन वाजे ने कई आर्केस्ट्रा बार से 4.70 करोड़ रुपये वसूले थे। बाद में यहीं रुपये देशमुख को दे दिए गए थे। इसके बाद ईडी की जांच में ये भी सामने आया कि अनिल देशमुख के परिवार द्वारा  Shri Sai Shikshan Sanstha के नाम से एक चैरिटेबल ट्रस्ट चलाया जाता है। उस ट्रस्ट में भी दिल्ली की फर्जी कंपनियों के जरिए 4.18 करोड़ रुपये डाले गए थे। ऐसे में ईडी को एक मनी ट्रेल दिख रहा था और उसी आधार पर देशमुख से 12 घंटे के अंदर कई सवाल किए गए। अब कल देशमुख को कोर्ट के सामने पेश किया जाना है।

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