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ED किसी को बुलाती है तो उसको हाजिर होना ही होगा: सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court

Supreme Court

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने पीएमएलए यानी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून को लेकर जो टिप्पणी की है, वह अरविंद केजरीवाल समेत और कई लोगों की मुसीबत बढ़ा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अगर कोई जांच बैठती है और ED किसी को समन जारी करती है तो फिर उस समन का सम्मान और जवाब देना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएल कानून की धारा 50 की व्याख्या करते हुए ये बात की।

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि ईडी अगर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में किसी को बुलाती है तो उसको हाजिर होना ही होगा और पीएमएलए के तहत अगर जरूरी हुआ तो सबूत भी पेश करना होगा। दरअसल पीएमएलए के सेक्शन 50 के मुताबिक ईडी अधिकारियों के पास ये ताकत है कि वे किसी भी ऐसे शख्स को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकते हैं जिनको वे उस जांच के सिलसिले में जरूरी समझते हैं।

जानें पूरा मामला

ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय तमिलनाडु में एक कथित रेत खनन घोटाले की जांच कर रही है। ईडी ने इसी जांच के सिलसिले में तमिलनाडु के पांच जिला कलेक्टर को समन जारी किया था। तमिलनाडु सरकार ने पांचों अधिकारियों की तरफ से ईडी के समन को मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद ईडी के समन पर रोक लगा दी। ईडी ये मामला लेकर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) पहुंची हुई थी। ईडी का कहना था कि मद्रास हाईकोर्ट की समन पर रोक सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के तर्कों को सही माना और समन पर लगे रोक को हटा दिया। इसका अर्थ ये है कि तमिलनाडु के पांचों अधिकारियों को अब ईडी के सामने पेश होना होगा।

केजरीवाल की बढ़ सकती है मुसीबत

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) की टिप्पणी दिल्ली शराब नीति मामले के लिहाज से काफी अहम है। दिल्ली शराब नीति मामले में आधा दर्जन से भी अधिक बार समन जारी होने के बावजूद अऱविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए हैं।

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ऐसे में कोर्ट की यह टिप्पणी केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ा सकती है। ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में शिकायत की है कि बार-बार समन देने के बावजूद भी वे हाजिर नहीं हो रहे।

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