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सोनिया-राहुल को ED से तगड़ा झटका, यंग इंडिया की 751 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

Congress

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नई दिल्ली। ED ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडिया ( Young India) की 751 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। बता दें कि इस मामले में एजेंसी पूर्व में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पूछताछ कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में कही है। एजेंसी के अनुसार मामले की जांच के दौरान यह पाया गया कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के पास दिल्ली। मुंबई और लखनऊ जैसे कई शहरों में 661.69 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों के रूप में अपराध से अर्जित आय है और यंग इंडियन ( Young India) के पास एजेएल के इक्विटी शेयरों में निवेश के रूप में 90.21 करोड़ रुपये के रूप में अपराध की आय है। एजेंसी ने इन्हीं संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की है।

कांग्रेस नेता ने इस एक्शन को बताया- चुनाव से प्रेरित

ED के इस एक्शन पर कांग्रेस नेता ने भाजपा को निशाने पर लिया है। अभिषेक मनु सिंघवी ने X पर लिखा। ईडी द्वारा एजेएल संपत्तियों की कुर्की की खबरें प्रत्येक राज्य में चल रहे चुनावों में निश्चित हार से ध्यान हटाने की उनकी हताशा को दर्शाती हैं।

पीएमएलए कार्रवाई केवल किसी विधेय या मुख्य अपराध के परिणामस्वरूप हो सकती है। किसी भी अचल संपत्ति का कोई ट्रांसफर नहीं है। पैसों का कोई आवागमन नहीं हो रहा है। अपराध की कोई आय नहीं है। वास्तव में, ऐसा कोई शिकायतकर्ता नहीं है जो यह दावा करता हो कि उसे धोखा दिया गया है: एक भी नहीं!!

उन्होंने आगे लिखा। यह चुनाव के बीच में ध्यान भटकाने के लिए भाजपा द्वारा और उसके लिए छल। झूठ और झूठ की पूर्वनिर्मित संरचना है। भाजपा का कोई भी गठबंधन सहयोगी-सीबीआई। ईडी या आईटी-भाजपा की निश्चित आसन्न हार को नहीं रोक सकता।

क्या है मामला?

ईडी ने 26 जून 2014 के आदेश के तहत एक निजी शिकायत का संज्ञान लेने के बाद दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा जारी प्रक्रिया के आधार पर मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की। इस दौरान अदालत ने माना कि यंग इंडिया (Young India) सहित सात आरोपियों ने प्रथम दृष्टया IPC की धारा 406 के तहत आपराधिक विश्वासघात। आईपीसी की धारा 403 के तहत संपत्ति और धारा 120बी के तहत आपराधिक साजिश। IPC की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना। बेईमानी से संपत्ति का दुरुपयोग करने के अपराध किए हैं।

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अदालत ने माना कि आरोपी व्यक्तियों ने एक विशेष प्रयोजन वाहन। मेसर्स यंग इंडियन के जरिए AJL की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। मेसर्स एजेएल को अखबार प्रकाशित करने के उद्देश्य से भारत के कई शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी। AJL ने 2008 में अपना प्रकाशन काम बंद कर दिया और संपत्तियों का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया। AJL को कांग्रेस को 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना था।

हालांकि एआईसीसी ने 90.21 करोड़ रुपये के लोन को एजेएल से गैर-वसूली योग्य माना और इसे बिना किसी स्रोत के एक नई निगमित कंपनी मेसर्स यंग इंडियन ( Young India) को 50 लाख रुपये में बेच दिया।

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