लखनऊ। तय कोटे के मुताबिक समूह ‘ग’ के पदों पर प्रमोशन देने की मांग कर रहे नगर निकायों के सफाई कर्मियों (Sanitation Workers) की मांगे पूरी होने वाली हैं। उच्च शिक्षित सफाई कर्मियों को समूह ‘ग’ के पदों पर प्रोन्नति देने को लेकर स्थानीय निकाय निदेशालय के स्तर पर एक बार फिर से लिखा-पढ़ी शुरू कर दी गई है। निदेशक ने इस संबंध में सभी नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को प्रमोशन देने के संबंध में वर्ष 2001 में जारी शासनादेश के मुताबिक लिपिक पद पर प्रमोशन देने का निर्देश दिया है। इस आदेश पर अमल हुआ तो प्रदेश भर के निकायों में तैनात करीब 15 हजार सफाई कर्मियों को लाभ मिलेगा।
दरअसल वर्षों से योग्यता के मुताबिक काम नहीं मिलने का दंश झेल रहे निकायों के हजारों सफाई कर्मचारियों (Sanitation Workers) की मांग को जायज मानते हुए तत्कालीन सरकार ने 2001 में ही पढ़े-लिखे सफाई कर्मियों को तृतीय श्रेणी (समूह ग) के लिपिक पद पर प्रोन्नति देने का निर्णय लिया था। इसके लिए उस समय शासनादेश भी जारी किया गया था। इसके बावजूद सफाई कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
हालांकि 2014 में इस शासनादेश पर अमल को लेकर स्थानीय निदेशालय के स्तर पर कुछ प्रयास जरूर किए गए, लेकिन कुछ दिन बाद ही उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उप्र सफाई मजदूर संयुक्त मोर्चा ने जब शासन स्तर पर दबाब बनाया तो अक्टूबर-2014 में पढ़े-लिखे सफाई कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची तैयार की गर्ई, लेकिन इस सूची पर भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश सफाई कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव व सचिव के अलावा निदेशक स्थानीय निकाय तक कई बार फरियाद कर चुका है, लेकिन किसी भी स्तर से कारगर कार्यवाही नहीं हुई। नतीजा यह हुआ कि वर्षो पहले जारी शासनादेश की कापी और अपनी डिग्री लेकर 15 हजार से अधिक सफाई कर्मचारी सरकार व शासन तक की दौड़ लगा रहे हैं।
लिपिक के 20 प्रतिशत पदों पर होना था प्रमोशन
दिसंबर-2001 में जारी शासनादेश के मुताबिक हाईस्कूल या उसके समकक्ष की योग्यता रखने वाले उन सफाई कर्मचारियों को प्रमोशन देने का प्रावधान है, जिन्होंने 5 साल की सेवा पूरी कर ली हो। शासन ने ऐसे कर्मचारियों के लिए समूह ‘ग’ लिपिक संवर्ग के 20 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन देने की व्यवस्था की थी। इसमे से इंटर या उससे उच्च शिक्षा ग्रहण वाले कर्मचारियों के लिए भी 5 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन देने का कोटा तय किया गया है। इस प्रकार से निकायों में तृतीय श्रेणी के लिपिक संवर्ग के कुल 20 प्रतिशत पदों पर पढ़े-लिखे सफाई कर्मचारियों को प्रमोशन देने की व्यवस्था है।