नयी दिल्ली| केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को देश की नीति बताते हुए इसके क्रियान्वयन के लिये युवाओं, संस्थाओं, स्वयं सेवकों, शिक्षाविदों सहित सभी लोगों से सुझाव देने को कहा। एसोचैम द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 : शिक्षा का उज्ज्वल भविष्य विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए निशंक ने कहा ”नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सफलता हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। यह एक टीम के रूप में काम करने का विषय है। एक साथ मिलकर ही हम सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।”
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उन्होंने कहा, ”राष्ट्रीय शिक्षा के क्रियान्वयन के संदर्भ में मैं देश के युवाओं, संस्थाओं, स्वयं सेवकों तथा शिक्षाविदों से आग्रह करता हूं कि वे बिना किसी संकोच एवं पूर्वाग्रह के अपने सुझाव दें तथा इस नीति को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान एवं शिक्षा-संवाद की शुरुआत करें।”
निशंक ने कहा, ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के बारे में सरकार ने पैराग्राफ वार तरीके से सुझाव मांगे हैं। अब तक 15 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं।”
उन्होंने कहा कि करीब 10 देशों ने हमसे नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर सम्पर्क किया है और उनके शिक्षा मंत्रियों ने अपने यहां भारत की नयी शिक्षा नीति के आयामों को लागू करने की इच्छा व्यक्त की है।
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निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश की नीति है, जिसमें सब का हित निहित है। जिस प्रकार का विस्तृत विमर्श, मंथन एवं चिंतन नीति के प्रथम चरण में हमें मिला, वह आशान्वित हैं कि उसी समावेशी सोच के साथ क्रियान्वयन में भी हमें ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ मिलेगा।