ग्रेटर नोएडा| केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति से भारत फिर विश्व गुरु बनेगा। भारत हमेशा अनुसंधान का केंद्र रहा है, इसलिए अनुसंधान पर जोर देना चाहिए। शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के साथ नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का जुड़ाव जरूरी है। शिक्षण संस्थान छात्रों को ऐसे तैयार करें कि वे विश्वस्तरीय कौशल का मुकाबला कर सकें।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक गुरुवार को शारदा विश्वविद्यालय के 4थे दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। समारोह में 3593 स्नातक और 1203 परास्नातक छात्रों को वर्चुअली सम्मानित किया गया। साथ ही 51 छात्रों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। 26 छात्रों को स्वर्ण पदक और 6 छात्रों को चांसलर पदक से नवाजा गया।
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कार्यक्रम में 3 छात्रों ने कुलपति का पदक मिला। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी में हमने दिखाया है कि चुनौतियों को अवसर में कैसे बदलते हैं। ऐसा तभी संभव होता है जब हमारे प्रतिभावन छात्र अपने को तपाकर देश की तरक्की में योगदान देते हैं। दीक्षांत समारोह छात्रों के जीवन के यादगार पलों में से एक है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि इस विश्वविद्यालय में 56 देशों के 2000 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं। पढ़ने व समझने में मातृ भाषा सबसे कारगर होती है।
भारत सरकार की योजना स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया सिद्धांत का यहां पालन किया जा रहा है। शारदा विवि देश से बाहर भी शिक्षा का प्रसार कर रहा है। शिक्षा तो संस्थान से मिलती है, लेकिन दीक्षा गुरू से ही मिलती है। इस संस्थान का नाम मां शारदा के नाम पर है। इसलिए यहां के छात्रों से अपील है कि वे अपने माता-पिता, प्रदेश व देश का नाम रोशन करें।