नई दिल्ली| केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि स्कूली शिक्षा और शिक्षक-शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन लाने के लिए 34 साल बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई है और इस नीति को लागू करने में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि वह नए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और स्कूल के अन्य पहलुओं पर दिशानिर्देश देगी। डॉ .निशंक ने एनसीईआरटी के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि किसी भी संस्था की वास्तविक पहचान उसके भवन से नहीं होती है बल्कि उसके कार्यों से होती है और एनसीईआरटी ने अपनी शैक्षिक उपलब्धियों के द्वारा ही अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है।
उन्होनें एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. हृषिकेश सेनापति को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं दी और कहा कि एनसीईआरटी के अनिवार्य कार्यों में विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि करने के लिए निरंतर शोध करने के साथ साथ बच्चों, शिक्षकों, अभिभावकों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के लिए उपयोगी शैक्षिक सामग्री का निमार्ण करना और आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना शामिल है।
इस नीति को लागू करने में एनसीईआरटी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसे लागू करने के लिए एनसीईआरटी द्वारा राष्ट्रीय पाठ्यचार्य की रूपरेखा बनाई जाएगी जो नए पाठ्यक्रम,पाठ्यपुस्तकों और स्कूल के अन्य पहलुओं पर दिशानिर्देश देगी।”
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एनसीईआरटी द्वारा बनाई गईं पाठ्यपुस्तकों की सराहना करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, “संस्थान ने अपनी पाठ्यपुस्तकें परिवर्तित होते समाज की परिवर्तित होती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए निर्मित की हैं। देश भर में एनसीईआरटी द्वारा बनाई गई पाठ्यपुस्तकों के उपयोग से हम विद्यालयी स्तर की शैक्षिक गुणवत्ता को बनाए रखने में सक्षम हो सके हैं।
भविष्य में, इन पुस्तकों में भारत की संस्कृति और परम्पराओं का ज्ञान, बहुभाषिता, मूल्य शिक्षा, संवैधानिक मूल्यों और अनेक महत्वपूर्ण सामाजिक सरोकारों इत्यादि पर अधिक बल देना होगा। यह पाठ्यपुस्तकें बच्चों को एक संतुलित और तार्किक व्यक्तित्व बनने में सहायता प्रदान करेंगी।”
शिक्षा मंत्रालय के निष्ठा कार्यक्रम की बात करते हुए डॉ. निशंक ने कहा कि शिक्षकों के क्षमता निमार्ण के लिए निष्ठा कार्यक्रम द्वारा एनसीईआरटी द्वारा 23,000 संदर्भ व्यक्तियों और 17.5 लाख शिक्षकों और स्कूल के प्रमुखों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कोरोना वैश्विक महामारी की चुनौतियों को देखते हुए आज मुझे दीक्षा पोर्टल के लिए ऑनलाइन निष्ठा लॉंच करने में हर्ष और संतोष का अनुभव हुआ, इस ऑनलाइन माध्यम से हम शेष 24.5 लाख प्रारम्भिक स्तर के शिक्षकों तक पहुँच पाएंगे।