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समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने में हो शिक्षा का प्रयोग : आनंदी बेन

Desk by Desk
04/03/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, प्रयागराज, शिक्षा
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आनंदी बेन

आनंदी बेन

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने गुरुवार को कहा कि शिक्षा का सकारात्मक उपयोग तभी सार्थक होगा। जब इसके माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किया जा सकेगा।

यह बात उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के 15 वें दीक्षान्त समारोह में गुरूवार को राज्यपाल बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। इस असवर पर राज्यपाल ने 19 स्वर्ण पदक और बडी संख्या में परास्नातक, स्नातक, पीएचडी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों से कहा कि डिग्री हासिल करना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि अपने ज्ञान से समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर इसका लाभ समाज को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में अनेक प्रकार की कुरीतियां व्याप्त है जिसमें से एक “ दहेज प्रथा” है।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद मन में यह भाव होना चाहिए कि “दहेज प्रथा” अभिशाप है। इसके अभिशाप में एक नहीं दो परिवार बर्बाद होता है। दहेज प्रथा का विरोध होना चाहिए। लखनऊ जेल में दहेज के मामले को लेकर 325 महिलाएं बंद है। उनमें से उनमें 50-60 साल से अधिक उम्र वाली महिलाएं भी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर 50-60 साल से अधिक उम्र वाली महिलाओं को छोड़ने पर बातचीत की थी । पिछली 26 जनवरी को बडी उम्र की 30 महिलाओं को जेल से रिहा कर दिया गया।

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उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी की स्थिति दयनीय है। यहां ज्यादातर बच्चे गरीब, झुग्गी झोपड़ी वाले होते हैं। एक तरफ जहां अमीर लोगों के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा की व्यवस्था है वहीं गरीबों के लिए नहीं। हमें इस खाई को पाटने का प्रयास करना होगा। जितना ध्यान आंगनबाड़ी पर दिया जाना चाहिए उतना नहीं दिया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि देश में 30-31 सरकारी विश्वविद्यालय है और करीब 40-50 निजी और 50 हजार डिग्री कालेज हैं। उन्होंने कहा कि कोई एक कालेज इन आंगनवाडी को गोद ले ले तो इनका कायाकल्प हो जायेगा । लखनऊ में ऐसा प्रयास किया गया जहां 26 टेनक्निकल कालेजों ने पांच आंगनबाडी को गोद लिया है और आज वहां इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जितना संतोष भगवान के दर्शन करने से होता है उससे अधिक इस प्रकार के पुनीत कार्य करने से मिलेगा। राज्यपाल आनंदी बेन ने कहा कि विश्वविद्यालय मेडल दे, सर्टिफिकेट देने का कार्य करें। इसके साथ उनमें सेवा भाव, लोगों को समाज के साथ जोड़ने का कार्य अच्छी शिक्षा से ही मिल सकता है। शिक्षण संस्थानों से योग्यता प्राप्त कर बाहर निकलने पर अपने ज्ञान से समाज को ज्ञानवान करना चाहिए। तभी समाज में जागरूकता आएगी।

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उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति के तहत 2030 तक 50 फीसदी युवाओं को उच्च शिक्षा मिलनी चाहिए। लेकिन स्थिति इतनी कमजोर है कि प्राइमरी स्कूलों में बच्चे ही नहीं जाते। इसके लिए हमें निचले स्तर से प्रयास करने होंगे तब कहीं जाकर 2030 तक नयी नीति को सफल बना सकेंगे। इसके लिए लोगों में जागरूकता होनी चाहिए, घर-घर जाकर बच्चों के माता-पिता से बातचीत के बाद स्कूल लाया जाना चाहिए।

इस अवसर पर अखिल भारतीय संगठन मंत्री भारत शिक्षण मंडल, नागपुर प्रमुख अतिथि मुकुल कानिटकर ने कहा कि दीक्षांत समारोह स्नातक के समावर्तन का उत्सव है। उन्होने कहा कि भारत में विद्या का आदर्श मुक्तकारी, युक्तकारी तथा अर्थकारी शिक्षा है। शिक्षा का अंतिम उद्देश्य मनुष्य को सभी प्रकार के बंघनों से मुक्त करना है किन्तु उस हेतु सर्वागीण योग्यताओं का विकास कर ‘युक्त’ होना भी आवश्यक है। जो सुयोग्य होगा वही मुक्ति का अधिकारी होगा।

श्री कानिटकर ने कहा कि अपनी संसकृतिक पारंपरा को समझे बिना कोई युक्तिसंगत एवं व्यापाक रूप से स्वीकार्य मूल्य व्यवसथा नहीं बनायी जा सकती। सदियों से भारत की आध्यात्मिक चेतना एवं मूल्यचिन्तन ने ही हमारी संस्कृति को व्यापक जनाधार प्रदान किया है। लंबे संघर्षों के बाद भी आज भारतीय संस्कृति न केवल जीवित अपितु विजयशालिनी है।
उन्होने कहा कि आज भी अनेक विद्यालय, महाविद्यालयों के प्रवेश द्वार पर लिखा होता है ज्ञानार्थ प्रवेश सेवार्थ प्रस्थान।

विश्विवद्यालय में आकर ज्ञानप्राप्ति करना और बाहर जाने पर समाज के लिए सेवा कार्य करना, योगदान प्रदान करना यह शिक्षा का आदर्श है। सच्ची शिक्षा योगदान के लिए विद्यार्थी को तैयार करती है। हमारा ज्ञान, कौशल, कला, प्रतिभा हमें शक्ति, संबल और योगयता के साथ ही दायित्व भी प्रदान करता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कामेश्वरनाथ सिंह, मुकुल कानिटकर और बड़ी संख्या में छात्रों समेत गणमान्य उपस्थित थे।

Tags: 15th Convocation of Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open UniversityAnandi Benआंगनबाड़ीआनंदी बेनउत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के 15 वें दीक्षान्त समारोहनयी शिक्षा नीतिपरास्नातकपीएचडी डिग्रीलखनऊसरकारी विश्वविद्यालयस्नातक
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