लखनऊ। स्वास्थ्य व फ्रंट लाइन वर्कर के बाद 1 मार्च से वैक्सीनेशन का अगला चरण शुरू होगा। इस चरण में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग व 45 साल से ऊपर के ऐसे लोगों को टीका लगाया जाएगा, जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। राजधानी में इस चरण में 900 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एम.के.सिंह ने बताया कि टीकाकरण के लिए शहर में सरकारी व निजी अस्पताल समेत चार केन्द्र बनाये गये हैं, जहां 900 लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है। इनमें केजीएमयू, लोहिया संस्थान व सिविल अस्पताल समेत तीन सरकारी व एक निजी शेखर अस्पताल हैं।
इनमें केजीएमयू में 400, लोहिया संस्थान में 300, सिविल अस्पताल में 100 और शेखर अस्तपाल में 100 लोगों को वैक्सीन लगायी जायेगी। डा. सिंह ने बताया कि सरकारी संस्थानों में मुफ्त टीका लगेगा वहीं सरकारी अस्पताल में टीके के लिए 250 रूपये अदा करने होंगे। उन्होंने बताया कि 45 से 59 साल के जो लोग किसी बीमारी से ग्रसित हैं, उन लोगों को अपनी बीमारी का मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा जिसके बाद ही उन्हें वैक्सीन दी जाएगी।
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इन बीमारियों में लगाया जा सकेगा टीका
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसी 20 बीमारियों को लिस्ट में शामिल किया है, जिससे बीमार लोगों (45 से 59 साल) को टीका लगाया जायेगा। इन गंभीर बीमारियों में किडनी, लीवर, ल्यूकेमिया, डायबिटीज एचआईवी, बोन मेरो फेलियर, हाइपरटेंशन और हार्ट फेलियर शामिल हैं। इसके अलावा भी कई और गंभीर बीमारियां हैं, जिनसे ग्रसित लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, जिसमें कैंसर से ग्रसित लोग शामिल हैं।
वैक्सीन के लिए दिखाना होगा सबूत
45 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना की वैक्सीन के लिए कुछ सबूत दिखाने होंगे। वैक्सीन की डोज लेने वाले लोगों को अपने साथ एक फोटो आईडी दस्तावेज लेकर जाना होगा, जिसमें आधार कार्ड, वोटर आईडी भी शामिल हैं। वहीं 45 साल से उम्र के लोगों को वैक्सीन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने का साक्ष्य दिखाना होगा। यह साक्ष्य किसी रजिस्टर्ड चिकित्सक द्वारा प्रमाणित होना चाहिए। अन्यथा वैक्सीन की डोज नहीं मिल पाएगी।