लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों पर चुनाव का ऐलान बुधवार को कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। उच्च सदन के विधायकों के चुनाव के लिए 28 जनवरी को वोटिंग होगी और उसी दिन काउंटिंग भी होगी, जबकि 11 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी और 21 जनवरी तक नाम वापस लिये जा सकेंगे।
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बता दें कि जिन कुल 12 एमएलसी का कार्यकाल 30 जनवरी को खत्म हो रहा है उसमें भाजपा के 3, सपा के 6 और बसपा के 2 एमएलसी शामिल हैं। नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सीट पिछले एक साल से खाली चल रही थी, क्योंकि वह एमएलसी बने थे बसपा से, लेकिन इसके बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
भाजपा के 3 एमएलसी
1. डिप्टी सीएम डॉ.दिनेश सर्मा
2. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह
3. लक्ष्मण प्रसाद आचार्य
सपा के इन 6 एमएलसी
1. परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन
2. आशू मलिक
3. रमेश यादव
4. रामजतन राजभर
5. वीरेन्द्र सिंह
6. साहब सिंह सैनी
बसपा के दो एमएलसी
1. धर्मवीर सिंह अशोक
2. प्रदीप कुमार जाटव
इसके अलावा नसीमुद्दीन सिद्दीकी की 12वीं सीट खाली हो रही है। सिद्दीकी ने बसपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। इसलिए उनकी सदस्यता चली गयी थी और सीट खाली हो गयी थी।
जानें कौन सी पार्टी कितने सीट जीत पायेगी?
12 सीटों पर होने वाला चुनाव दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि इसमें विधायक ही वोट देंगे। ऐसे में जिस पार्टी के पास जितने विधायक होंगे उतने ही परिषद सदस्य वो पार्टी जिता पायेगी। विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा 10 सीटों पर आसानी से जीत दर्ज कर लेगी। एक सीट सपा भी जीत लेगी, लेकिन बसपा और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलेगी। 1 सीट ऐसी होगी जिस पर राजनीतिक जोड़तोड़ देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी पार्टियों के पास अपने विधायक जिताने के बाद सरप्लस वोट बचेंगे। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 12वां विधायक किस पार्टी का चुना जाता है। विधान परिषद के लिए चुने गये विधायकों का कार्यकाल 6 साल का होता है।