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चुनाव आयोग ने रैलियों पर लगाई रोक, प्रचार से जुड़े इन नियमों में दी ढील

Election Commission

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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने रैलियों पर लगी रोक आज सोमवार को भी नहीं हटाई है। हालांकि, चुनाव प्रचार पर लगी रोक में कुछ ढिलाई की हैं। अब एक हजार लोगों के साथ सभा की इजाजत है। इसके अलावा डोर टू डोर कैंपेन में भी पहले से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं। कोरोना महामारी के कुछ कंट्रोल में आने के बाद चुनाव आयोग ने सोमवार को यह फैसला लिया है।

चुनाव आयोग ने सोमवार को फैसला लिया है कि अब 500 की जगह 1000 लोगों की सभा की जा सकती है। इसके अलावा डोर टु डोर कैंपेन अब 10 की जगह 20 लोगों के साथ कर सकते हैं। वहीं इनडोर बैठक (बंद जगह होने वाली मीटिंग) में 300 की जगह 500 लोग शामिल हो सकते हैं। आयोग ने पिछली बैठक में प्रथम और दूसरे चरण के लिए  रैली की इजाजत दी थी, लेकिन 500 की संख्या सीमित की थी।

कोविड संकट की वजह से चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक जनसभाओं और रैलियों पर रोक लगाई थी। पहले यह रोक 15 जनवरी तक थी, फिर से 22 जनवरी तक बढ़ाया गया और फिर आगे 31 जनवरी तक इसे खींच दिया गया। भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,09,918 नए मामले आए हैं। वहीं 959 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।

बता दें कि 10 फरवरी से मतदान शुरू है। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल है। यूपी में कुल सात चरणों में मतदान होगा। वहीं मणिपुर में दो चरण में वोटिंग होगी। इसके अलावा पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में सिंगल फेज में वोट पड़ेंगे। फिर पांचों राज्यों के चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे।

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जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने चुनाव आयोग को बताया था कि कोरोना के मामले देशभर में अब घट रहे हैं। इसी के साथ चुनावी राज्यों में कोरोना टीकाकरण का काम तेजी से जारी है। इसके बाद चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा और उनकी टीम प्रचार के लिए दी गई छूट को बढ़ाने के लिए तैयार हुए।

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