नई दिल्ली। देश के चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि अशोक लवासा को पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में दी गई क्लीन चिट का विरोध किया था।
वह नये मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की दौड़ में सबसे आगे थे, लेकिन अब इनको अगले महीने उन्हें फिलीपीन्स स्थित एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के वाइस प्रेसिडेंट का पद संभालना है।
लवासा ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दिया है, जिसमें उन्हें 31 अगस्त को कार्यमुक्त किये जाने की बात कही गई है। अभी यह साफ नहीं है कि राष्ट्रपति ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है या नहीं।
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एशियन डेवलपमेंट बैंक ने लवासा की नियुक्ति की घोषणा 15 जुलाई को की थी। लवासा को राज्यों और केंद्र के स्तर पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप और मूलभूत सुविधाओं की विकास की अच्छी जानकारी है।
इसके अलावा उन्हें पब्लिक पॉलिसी में प्राइवेट सेक्टर के रोल की भी अच्छी जानकारी है। वे एशियन डेवलपमेंट बैंक में निवर्तमान वाइस प्रेसिडेंट दिवाकर गुप्ता की जगह लेंगे, जो कि बैंक के प्राइवेट सेक्टर के कामकाज और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के इंचार्ज हैं। गुप्ता अपना कार्यकाल 31 अगस्त को पूरा कर रहे हैं।
अशोक लवासा 1980 बैच के हरियाणा कैडर के रिटायर आईएएस अधिकारी हैं। चुनाव आयुक्त के पद से पहले वह देश के वित्त और सिविल एविएशन सचिव भी रह चुके हैं। अशोक लवासा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विषय में परास्नातक किया है। उन्होंने डिफेंस और स्ट्रेटजिक स्टडीज में एमफिल भी किया है।