नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों (Himachal Pradesh Assembly Elections) का शेड्यूल जारी कर दिया है। विधानसभा चुनाव (Elections) की तारीखों का ऐलान हो गया है। 12 जिलों की 68 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होगा और 8 दिसबंर को वोटों की गिनती होगी। राज्य में सिर्फ एक फेज में मतदान होगा। यह ऐलान चुनाव आयोग की तरफ से किया गया है। चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (EC Rajeev Kumar) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हम विधानसभा के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
मिलेंगी ये सुविधाएं
नए मतदाता,महिलाओं,बुजुर्गों,दिव्यांगजनों की भागेदारी महत्वपूर्ण है।कोशिश रहेगी कि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा लें।सभी मतदान केंद्र सुगम, सुरक्षित और सहज होंगे और ग्राउंड फ्लोर पर रखे जाएंगे। पानी वेटिंग शेड, टॉयलेट,लाइटिंग की सुविधा होगी।कुछ पोलिंग बूथ की कमान महिलाओं को दी जाएगी।घर से पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग करने का अधिकार मिलेगा। वोट डालने में प्राथमिकता दी जाएगी।सहयोगी और व्हीलचेयर प्रदान किए जाएंगे।पिक एंड ड्रॉप फैसिलिटी मुहैया कराई जाएगी। 80 साल से ऊपर के वोटर डर बैठकर वोट डाल सकेंगे।
जयराम ठाकुर को मिली थी सीएम की कुर्सी
साल 2017 अंत में हुए हिमाचल विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 68 में से 44 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई। इसमें जयराम ठाकुर को हिमाचल का मुख्यमंत्री चुना गया था। बता दें कि जयराम ठाकुर मंडी क्षेत्र के पहले नेता हैं जो मुख्यमंत्री बने। पिछली रिकॉर्ड के मुताबिक जयराम के पहले तक ज्यादातर सीएम शिमला, कांगड़ा और सिरमौर इलाके के ही रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मंडी की 10 विधानसभा सीटों में से 9 पर कब्जा किया था।
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मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन?
वहीं फिलहाल कांग्रेस या आम आदमी पार्टी ने इस बात का ऐलान नहीं किया है कि वह मुख्यमंत्री पद के किस चेहरे पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हालांकि बीजेपी सत्ता में है इसलिए फिलहाल विपक्ष के सामने एक चेहरा सीएम जयराम ठाकुर का है, जिनको निशाना बनाकर जनता को अपने पाले में करने की कोशिश में दोनों दल जुटे हैं।
केंद्रीय नेतृत्व में सीधी टक्कर
लेकिन अगर इससे अलग हटकर सोचने की कोशिश करें तो एक साल बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं। वहीं सत्ताधारी बीजेपी से लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों इन चुनावों को सेमी फाइनल मानकर चल रही हैं। ऐसे में ये माना जा सकता है कि इस चुनाव में तीनों पार्टियां अपने केंद्रीय नेतृत्व के ही चेहरे पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं।