उत्तर प्रदेश पंजाब समेत 5 राज्यों में 2022 में विधानसभा चुनाव हैं। इस पर सोमवार को चुनाव आयोग की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ नई दिल्ली में मीटिंग हुई। मीटिंग से संकेत यही मिल रहे हैं कि ओमिक्रॉन के चलते यह चुनाव टाले नहीं जाएंगे, यह तय समय पर ही होंगे। हालांकि, अब जनवरी के पहले सप्ताह में दोबारा मीटिंग होगी, इसके बाद अंतिम फैसला हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग अपने शेड्यूल पर टिका रहना चाहता है। आयोग ने चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के स्वास्थ्य सचिवों के साथ आयोग ने ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों पर चर्चा की है। इन राज्यों में वैक्सीन कवरेज और ओमिक्रॉन केसेस का आंकड़ा भी मांगा है।
यह भी बताना है कि इन राज्यों में केंद्र-राज्यों के साथ मिलकर क्या काम कर रहा है। इसी रिपोर्ट के आधार पर जनवरी के पहले हफ्ते में बैठक होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने चुनाव आयोग को कोरोना के हालातों के बारे में बताया।
विशेषज्ञों का दावा है कि कुछ ही दिनों में ओमिक्रॉन के रूप में कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है। लिहाजा चुनाव आयोग कुछ सख्त कदम उठा सकता है। चुनाव के पहले राज्यों के हालात को समझ कर इसका फैसला किया जाएगा। चुनाव को लेकर अधिसूचना जनवरी में जारी हो सकती है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
सूत्रों के मुताबिक, ओमिक्रॉन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की रिपोर्ट के बाद संभव है कि चुनाव आयोग बड़ी रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा दे। वर्चुअल और डोर-टू-डोर कैंपेन की इजाजत मिले। चुनाव प्रचार के तरीकों में बदलाव के साथ मास्क और दो गज की दूरी को पूरी तरीके से लागू की जा सकती है।
अभी तक चुनाव आयोग के रुख के अनुसार, चुनावों टालने की संभावना बहुत कम है। अधिकारियों के मुताबिक, चुनाव टालने से कई तरह के बड़े निर्णय लेने होंगे। जैसे, जिन राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो चुका है वहां राष्ट्रपति शासन लगाना होगा। सारी तैयारियां भी नए सिरे से करनी होंगी। हालांकि, चुनाव आयोग इस बार प्रचार और भीड़ प्रबंधन पर एहतियातन कड़े कदम उठा सकता है।