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Electoral Bond: ‘लॉटरी किंग’ ने दिया 1368 करोड़ का चंदा, ED ने दाखिल की चार्जशीट

Martin Santiago

Martin Santiago

चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड का यह डेटा 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का है, जिसमें सबसे ज्यादा देने वाली कंपनियों के साथ-साथ उन राजनीतिक दलों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा चंदा मिला है।

चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, लॉटरी किंग मार्टिन सेंटियागो (Martin Santiago) ने सबसे ज्यादा 1368 करोड़ का चंदा दिया है। ये बॉन्ड मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज ने 21 अक्टूबर 2020 से जनवरी 2024 के बीच खरीदे हैं।

मार्टिन (Martin Santiago) की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Future Gaming & Hotel Services Pvt Ltd) की शुरुआत 30 दिसंबर 1991 में की गयी थी, जिसके खिलाफ लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 के तहत आईपीसी के तहत कई केस दर्ज हैं। मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज सिक्किम, नगालैंड और पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में लॉटरी के टिकट बेचती है। वहीं, ईडी ने इसके खिलाफ 23 सितंबर 2023 को कोर्ट में चार्जशीट भी दायर की थी।

इन पार्टियों को मिला सबसे ज्यादा चन्दा

चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, भाजपा चुनावी बॉन्ड पाने वाली सबसे बड़ी पार्टी है। उसे 12 अप्रैल, 2019 से 24 जनवरी, 2024 तक 6,060 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (TMC) रही। जिसने चुनावी चंदे के तहत 1,609 करोड़ रुपये प्राप्त किए। तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस को 1,421 करोड़ रुपये मिले। चौथे नंबर पर भारत राष्ट्र समिति है, जिसे 1214 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के तौर पर मिले। पांचवें नंबर पर बीजू जनता दल है, जिन्हें 775 करोड़ रुपये मिले। छठे नंबर पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) है, जिसे 639 करोड़ रुपये चुनावी चंदे में मिला।

इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालीं टॉप 10 कंपनियां

1- फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज (1,368 करोड़ रुपये)

2- मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (966 करोड़ रुपये)

3- क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड (410 करोड़ रुपये)

4- वेदांता लिमिटेड (400 करोड़ रुपये)

5- हल्दिया एनर्जी लिमिटेड (377 करोड़ रुपये)

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6- भारती ग्रुप (₹ 247 करोड़ रुपये)

7- एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (224 करोड़ रुपये)

8- वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (220 करोड़ रुपये)

9- केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड (195 करोड़ रुपये)

10- मदनलाल लिमिटेड (185 करोड़ रुपये)

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