लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओँ को दीपावली से पहले ईंधन अधिभार शुल्क का करंट लग सकता है। क्योंकि पावर कॉरपोरेशन के शुल्क (Electricity Prices) लगाने के प्रस्ताव पर नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं से आपत्ति मांगी है। उन्हें तीन सप्ताह का वक्त दिया है। ऐसे में उपभोक्ताओं को 28 पैसे से एक रुपये प्रति यूनिट तक अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। इसे अक्तूबर से लागू किया जा सकता है।
पावर कॉरपोरेशन की ओर से ईंधन अधिभार लगाने के लिए 26 जुलाई को नियामक आयोग में प्रस्ताव दिया गया था। इसमें उपभोक्ताओं से कुल 1437 करोड़ की वसूली करने की बात कही है। इसके लिए 61 पैसा प्रति यूनिट के आधार पर अलग-अलग श्रेणीवार औसत बिलिंग की दर तैयार की गई है। इस पर उपभोक्ता परिषद ने आयोग में याचिका दायर कर कहा कि विद्युत निगमों पर उपभोक्ताओं का करीब 33122 करोड़ रुपया निकल रहा है। इस हिसाब से 30 पैसे से लेकर एक रुपये प्रति यूनिट बिजली बिल कम किया जाए। लेकिन नियामक आयोग ने 28 अगस्त को विद्युत वितरण निगमों के लिए दाखिल ईंधन अधिभार शुल्क में प्रस्तावित बढो़तरी पर कार्यवाही को आगे बढा़ते हुए बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। यह भी कहा गया है कि तीन हफ्ते तक कोई भी विद्युत उपभोक्ता अपनी आपत्ति दाखिल कर सकता है।
मंत्री दे चुके हैं दर (Electricity Prices) नहीं बढ़ाने का आश्वासन
एक तरफ पावर कॉरपोरेशन में ईधन अधिभार शुल्क के नाम पर विद्युत दर (Electricity Prices) बढ़ाने की तैयारी चल रही है, जबकि ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) विधान परिषद में कह चुके हैं कि प्रदेश में बिजली दर में किसी तरह की बढोतरी नहीं होगी।
उपभोक्ता परिषद निरंतर करेगा संघर्ष : वर्मा
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि किसी भी कीमत (Electricity Prices) पर अधिभार स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि उपभोक्ताओं के बकाया लौटाने के बजाय ईंधन अधिभार शुल्क लगाने की तैयारी चल रही है। इससे पहले नियामक आयोग ने पांच वर्षों में एक बार भी ईंधन अधिभार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। क्योंकि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का विद्युत निगमों पर 33122 करोड़ रुपया निकल रहा है।
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परिषद अध्यक्ष ने बताया कि ईंधन अधिभार लगाने के लिए विद्युत नियामक आयोग ने जून 2020 में कानून बनाया है। पावर कारपोरेशन ने उस कानून के विपरीत जाकर मनमाने तरीके से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। यह पूरी तरीके से आयोग की अवमानना है। इसे आयोग तत्काल खारिज करें।
श्रेणीवार उपभोक्ता प्रस्तावित ईंधन अधिभार बढ़ोतरी
घरेलू बीपीएल 28 पैसे प्रति यूनिट
घरेलू सामान्य 44 से 56 पैसे प्रति यूनिट
व्यावसायिक 49 से 87 पैसे प्रति यूनिट
किसान 19 से 52 पैसे प्रति यूनिट
नान इंडस्ट्रील बल्क लोड 76 पैसे से 1.09 रुपये प्रति यूनिट
भारी उद्योग 54 से 64 पैसे प्रति यूनिट