प्रख्यात कमेंटेटर व भारतीय फुटबॉल पर कई किताब लिख चुके नोवी कपाड़िया का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद 68 साल की उम्र में निधन हो गया।
नोवी ने फुटबॉल से संबंधित कई किताबें भी लिखी हैं। वे मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित थे। यह एक दुर्लभ बीमारी है, जिसके कारण समय के साथ रीढ़ और मस्तिष्क की नसें काम करना बंद कर देती हैं। वे पिछले दो सालों से व्हीलचेयर पर और पिछले एक महीने से वेंटिलेटर पर थे।
नोवी के निधन पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री और अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) ने शोक व्यक्त किया है।
अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया,”महान नोवी कपाड़िया के निधन पर फुटबॉल और मीडिया बिरादरी के प्रति मेरी गहरी संवेदना। फुटबॉल के बारे में उनका ज्ञान अनुकरणीय था और उनकी विरासत उनकी किताबों के माध्यम से जीवित रहेगी। उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले।”
सुनील छेत्री ने ट्वीट किया,”नोवी कपाड़िया का जाना एक संस्था की क्षति है। उन्होंने इस खेल को हम सभी के करीब लाया। वह हमेशा भारतीय फुटबॉल इतिहास का एक अध्याय रहेंगे, जिसे हम अक्सर देखेंगे।”
एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने लिखा, ”मशहूर फुटबॉल विशेषज्ञ और महान कमेंटेटर श्री नोवी कपाड़िया के निधन से गहरा दुख हुआ। उनके निधन से हमने ”भारतीय फुटबॉल की आवाज” खो दी है। खेल के प्रति उनके जुनून और प्यार को आने वाले सालों तक याद रखा जाएगा। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
इंडियन फुटबॉल टीम ने ट्वीट किया,” प्रख्यात पत्रकार, कमेंटेटर और फुटबॉल पंडित नोवी कपाड़िया के निधन से हम दुखी हैं। उनका योगदान उन सभी के माध्यम से हमेशा चमकता रहेगा,जिन्हें उन्होंने भारतीय फुटबॉल के अपने कवरेज के माध्यम से छुआ है।”
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बता दें कि नोवी कपाड़िया ने एशियाई एवं ओलंपिक खेलों में कमेंट्री की है। उन्होंने नौ फीफा विश्व कप भी कवर किए। भारतीय फुटबॉल पर उन्होंने ”बेयरफुट टू बूट्स, द मेनी लाइव्स ऑफ इंडियन फुटबॉल” लिखी। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2014 में ”द फुटबॉल फैनेटिक्स एसेंशियल गाइड बुक” भी लिखी थी।