नई दिल्ली. इमोजी न्यू मिलेनियल्स की ग्लोबल लैंग्वेज है। इसमें अक्षर तो नहीं, लेकिन पिक्चर है। भाव है। गैर बराबरी के खिलाफ आवाज है। इस भाषा की कोई सरहद और नस्ल भी नहीं। ब्रिटेन के बांगोर विश्वविद्यालय में भाषा विज्ञान के प्रोफेसर व्यव इवांस का दावा है कि इमोजी इंसानी इतिहास में दुनिया की सबसे तेजी से फैलने वाली भाषा है।
कुल 176 आइकॉन से शुरू हुई यह भाषा आज 3,353 इमोजी तक पहुंच चुकी है। उनका कहना है कि दृष्य भाषा यानी विजुअल लैंग्वेज के रूप में इमोजी पहले ही प्राचीन मिस्र की चित्रलिपि को काफी पीछे छोड़ चुकी है, जिसे विकसित होने में पांच सदी से ज्यादा का समय लगा था। आज इमोजी न केवल दुनिया में रिश्तों को मजबूत कर रही है, बल्कि नस्लीय और सियासी गैर बराबरी के खिलाफ लड़ाई का जरिया भी बन चुकी है। ये बिना किसी आवाज के गहरा असर डालती है।
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पहला इमोजी बनाने वाले शिगेताका कौन थे?
1990 में जापानी टेलिकॉम कंपनी डोकोमो ने टेक्स्ट मेसेज में इमोजी की सुविधा दी।
डोकोमो में ही काम करने वाले शिगेताका कुरीता ने दुनिया का पहला इमोजी बनाया था।
25 साल के एकोनोमिक्स के स्टूडेंट शिगेताका ने 176 इमोजी का सेट बनाया था।
जापान की डिक्शनरी में 1997 में ही शामिल कर लिया गया था।
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1 हजार करोड़ इमोजी रोज
सोश्ल मीडिया पर हर रोज 1 हजार करोड़ इमोजी भेजे जाते हैं। हर सेकेंड करीब 35 लाख इमोजी मेसेंजर पर भेजे जाते हैं। अकेले फेसबुक पर 70 करोड़ इमोजी सेंद की जाती है। ट्विटर पर पिछले 5 साल में 40% इमोजी का इस्तेमाल बढ़ा।
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इमोजी से बात हुई आसान
लंबी-लंबी बात करने वाले जब चैट के दुनिया से निकाल कर इमोजी से मिलने वाले भी मान रहे कि उनके दिल कि बात आसानी से सामने वाले तक पहुँच रही है। 4 में 3 लोगों ने कहा कि इमोजी के जरिये दिल की बात कहना आसान हो गया। 18 से 25 साल वाले उम्र के युवा बोले- इमोजी से भावना प्रकट करना आसान। वहीं इसी आय वर्ग के 51% ने कहा कि इमोजी के जरिये वो एक अच्छे कम्युनिकेटर बन गए हैं। जिन लोगों को शब्दों का सही इस्तेमाल नहीं आता, उनके लिए इमोजी सबसे अच्छा विकल्प है।
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इमोजी की बड़ी भूमिका
2015 में एप्पल ने अपने गैजेट्स के लिए अलग-अलग स्किन कलर के इमोजी जारी किए। इनमें LGBT समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले इमोजी भी थे। सोशल मीडिया पर इमोजी में नस्लीय भेद दूर करने और उन्हें सभी नस्लों को रिप्रजेंट करने वाला बनाने के लिए कई ऑनलाइन मुहिम चलाई गईं।
इससे पहले 2014 में एंटी बुलींग इमोजी, यानी जोर-जबरदस्ती के खिलाफ इमोजी जारी हुआ था। पिछले साल दो अलग-अलग नस्लों के जोड़ों के इमोजी भी जारी किए गए। खासतौर पर ब्लैक और व्हाइट्स के जोड़ों के लिए।